Wednesday 14 December 2011

मैथ में कमजोर हैं तो इस खबर को पढ़ें, पलक झपकते ही बन जाएंगे 'उस्ताद'!

मैं चाहे ये करुं, मैं चाहे वो करुं, मेरी मर्जी। यह फार्मूला है और इसका नाम है गोविंदा रूल। इसके जरिए जोड़-घटाना, गुणा-भाग जैसी किसी भी क्रिया किसी भी माध्यम से किया जा सकता है। गणित के कुछ ऐसे ही मजेदार पहलू लेकर इस्पात नगरी आए हैं बिहार के शिवनाथ बिहारी।


उनका यह गोविंदा फार्मूला काफी फेमस है। जैसे गुणा को भाग से हल करने का नियम। कुछ इस अंदाज में- किसी भी संख्या को करना हो पांच से गुणा, फौरन कीजिए हाफ। पाकेट से ले आइए जीरो (0)। हो जाएगा यह पांच गुणा अपने आप। यानी 84x52=420 (यहां 84 का आधा 42 हुआ और आगे शून्य)। इसी तरह विषम संख्या के लिए भी सूत्र है। इसी तरह गुणा को आसान बनाने कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना का सूत्र है। इससे पलक झपकते ही सवाल हल हो जाते हैं। वर्ग निकालने गांधीगिरी एवं डिवाइड एंड रूल के, वर्गमूल निकालने सहवाग का अपर कट। नियमों की ऐसी रोचक प्रस्तुति से बच्चे आकर्षित होते हैं। शिवनाथ बिहारी अध्यापन के इस अनोखे कौशल के कारण चर्चा में हैं।


सिविक सेंटर में आयोजित पुस्तक मेले में उन्होंने स्टाल लगाया है। वहां ब्लैक बोर्ड पर गणित के इन फार्मूलों को समझा रहे हैं। उनका कहना है कि गणित बोझ नहीं है। वे इसके जरिए अध्ययन-अध्यापन को आसान बनाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि वे अंग्रेजी में स्नातक हैं, लेकिन गणित के प्रति उनकी जिज्ञासा ने उन्हें जिंदगी का मकसद दे दिया है। फिलहाल मुंबई, कोलकाता, रांची और पटना में उनका बिहारीज पर्सनेलिटी डेवलपमेंट एंड गाइडेंस सेंटर चलता है।


अब तक 25 पुस्तकें : उन्होंने बताया कि उन्होंने गणित पर 8 एवं अन्य विषयों पर 17 पुस्तकें लिखीं हैं। पिछले 32 वर्षो में उन्होंने पूरे देश में लगभग 26,500 से भी अधिक व्याख्यान एवं कार्यशालाएं की हैं। उन्होंनें गणित को फिल्म, क्रिकेट, राजनीति और अध्यात्म से जोड़ने की कोशिश की है। उनका दावा है कि वे मिनटों में 100 तक पहाड़ा सिखा सकते हैं। कुछ ही देर में पूरा परीयोडिकटेबल याद करा सकते हैं।
i Love My Fazilka

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