Wednesday 22 February 2012

दिन में 12 बार बंद होता है फाटक

शहर के मुख्य बाजारों और चौराहों पर तो ट्रैफिक समस्या है ही, लेकिन शहरी रेलवे फाटक पर भी दिनभर लोगों को समस्या से दो चार होना पड़ता है। यहां फिरोजपुर और श्री मुक्तसर साहिब से 6 बार ट्रेन की आवाजाही होती है, जिसके चलते यह फाटक दिन में 12 बार बंद होता है। हर बार फाटक 10 से 15 मिनट के लिए बंद होता है, जिस कारण फाटक के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं। इससे बस स्टैंड रोड और घंटा घर की ओर आने जाने वाले वाहन भी फंस जाते हैं। 
दो हिस्सों में बंटा शहर : फाटक के कारण शहर दो हिस्सों में बंटा हुआ है। एक ओर शहर का अधिकांश हिस्सा है तो दूसरी ओर मोहल्ला झूले लाल कॉलोनी, बिजली घर, नई अबादी के अलावा यह रोड बार्डर पर स्थित गांवों को जोड़ता है। खास तौर पर इस ओर सरकारी सीनियर सैकंडरी स्कूल, डीसी मॉडल स्कूल के अलावा अन्य स्कूल हैं। मुश्किल सुबह 9 बजे और दोपहर तीन बजे होती है। यह समय ट्रेन के आने जाने का होता है और इसी दौरान ही स्कूलों के खुलने व छुट्टी होने का समय होता है, जिस कारण विद्यार्थियों की भी कतारें लग जाती हैं। (लछमण)


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Monday 13 February 2012

फाजिल्का के 2500 घरों में बांटे डस्टबिन

राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए घर घर जाकर कूड़ा एकत्रित करने के प्रकल्प के तहत फाजिल्का के घरों में भी डस्टबिन वितरण का कार्य शुरू हो गया है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने कूड़े से बिजली बनाने के प्रकल्प के तहत घरों से कूड़ा उठाने की मुहिम शुरू की है। इसका ठेका दिल्ली की जिंदल एंड कंपनी को दिया गया है। इस कंपनी के कारिंदे घरों में जाकर प्रतिदिन कूड़ा इकट्ठा करेंगे, जिससे बिजली बनाई जाएगी। उसी योजना के तहत कंपनी द्वारा ही सभी घरों में कूड़ा डालने के लिए डस्टबिन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
फाजिल्का में डस्टबिन वितरित कर रहे जलालाबाद के ठेकेदार शिवा धवन ने बताया कि अब तक फाजिल्का में 2500 घरों में डस्टबिन बांटे जा चुके हैं और जल्द ही पूरे शहर में वितरित किए जाएंगे।
Source -  jagran
Karan Chawla Fazilka