Tuesday 26 July 2011

पहचान की मोहताज ये समाधियां

भारत पाक के बीच 1971 में युद्ध दौरान शहीद हुए 206 वीर जवानों के फौलादी जज्बे को सलाम करने के लिए सियासी नेता और सेना के जवानों के अलावा आम लोगों की ओर से विजय दिवस पर शहीदों की समाधि आसफवाला में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक बड़ा समारोह आयोजित किया जाता है। लेकिन एक बुलबुले सा जीवन लेकर आने वाले एक दर्जन से अधिक चिरागों ने हमारे जीवन और देश को रोशन करके चुपचाप अनंत में लीन हो गए।
रह गई 6 समाधियां : श्मशान घाट में शहीदों की सिर्फ ६ समाधियां ही बाकी हैं, लेकिन वह भी जर्जर हालत में हैं। इनमें 15 राजपूत बटालियन के जवान शामिल हैं। जवान जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के रहने वाले हैं। इन्होंने 8 से 14 दिसंबर तक पाक रेंजरों का मुकाबला करते हुए शहीदी प्राप्त की थी। सिपाही सुमेर सिंह ने 8 दिसंबर, लांस नायक मुहम्मद सदीन वासी गाजीपुर यूपी, 13 दिसंबर को सिपाही मिंटू खान वासी राजस्थान और 14 दिसंबर को सिपाही हिजर मुहम्मद कश्मीरी वासी कश्मीर ने कुर्बानी दी थी। भास्कर की ओर से फाजिल्का सेक्टर में शहीदों की गुमनाम समाधियों की यह दूसरी खोज है। इससे पहले सैनियां रोड पर भी 16 गुमनाम समाधियों के बारे में विस्तार से लिखा गया था। जिस पर सैनिक भलाई विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने कार्रवाई करते हुए संभाल के लिए विभाग को लिखा है। अब इन समाधियों के बारे में शहीदों के परिजनों को भास्कर ने लिखा है।दीप जलाता है मनदीप
चाहे प्रशासन ने इन शहीदों की सुध नहीं ली, लेकिन गांव पैंचावाली का मनदीप कंबोज हर त्योहार और धार्मिक दिवस पर श्मशान घाट में पहुंचकर समाधियों के समक्ष दीप जलाता है और नमन करता है। मनदीप का कहना है कि बचपन में बुजुर्ग बताते थे कि यहां शहीदों का अंतिम संस्कार किया गया था, लेकिन आज तक कोई अधिकारी शहीदों की समाधियों की देखभाल को नहीं पहुंचा। उन्होंने बताया कि जवान किसी धर्म के लिए नहीं लड़े, बल्कि देश, अटूट और अखंड भारत के लिए शहीद हुए हैं। शहीदों को देश से दीवानावार मुहब्बत थी, लेकिन प्रशासन ने उनकी कद्र नहीं जानी। मनदीप का कहना है कि अगर शहीदों की ही कोई सुध नहीं लेगा तो शहादत से नौनिहाल प्रेरणा कहां से लेंगे।

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ग्रामीणों ने किया एसडीओ और एक्सईएन का घेराव

फाजिल्का & बिजली सप्लाई कम मिलने से खफा छह गांवों के किसानों ने शुक्रवार को पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन के एसडीओ और एक्सईएन का घेराव किया। ग्रामीण बनवाला हनुवंता के पावरकॉम कार्यालय में किसी प्रकार का कोई नुकसान न पहुंचाएं, इसलिए वहां पुलिस बल तैनात किया गया। इस मौके पर गांव जंडवाला खरता, बनवाला हनुवंता, चुवाडिय़ांवाली आदि के ग्रामीण मौजूद थे।
बनवाला हनुवंता के सरपंच सरवन सिंह, संता सिंह, बेअंत सिंह, गोपी राम, अजमेर सिंह, पंच बलराज सिंह, पूर्व पंच जसवीर सिंह, मलकीत सिंह, बलजीत सिंह, चुवाडिय़ांवाली के सुखराज सिंह, गुलशन और सुखचैन सिंह ने बताया कि पिछले 15 दिनों से उन्हें सिर्फ 1 से 2 घंटे ही बिजली सप्लाई दी जा रही है। इस कारण उनके खेत सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं। जंडवाला खरता के सरपंच बलवंत सिंह, गोशा सिंह, शिवचरन सिंह, लक्ख सिंह, पम्मा सिंह, विक्रम सिंह, महंगा सिंह, संतोख सिंह, इंद्रसेन, महेंद्र, मनोज कुमार और धर्मपाल आदि ने बताया कि बिजली नहीं होने के कारण उन्हें अधिक डीजल के दम पर खेती करनी पड़ रही है।
इस कारण उनका खर्च काफी हो जाता है।

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HINDU DHARM KO KHTAM KRNE KE LYE INDIA ME N.G.O. BHEJ RAHA HAI 42000 CRORE - LILA DHAR SHARMA

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