Wednesday 14 December 2011

मैथ में कमजोर हैं तो इस खबर को पढ़ें, पलक झपकते ही बन जाएंगे 'उस्ताद'!

मैं चाहे ये करुं, मैं चाहे वो करुं, मेरी मर्जी। यह फार्मूला है और इसका नाम है गोविंदा रूल। इसके जरिए जोड़-घटाना, गुणा-भाग जैसी किसी भी क्रिया किसी भी माध्यम से किया जा सकता है। गणित के कुछ ऐसे ही मजेदार पहलू लेकर इस्पात नगरी आए हैं बिहार के शिवनाथ बिहारी।


उनका यह गोविंदा फार्मूला काफी फेमस है। जैसे गुणा को भाग से हल करने का नियम। कुछ इस अंदाज में- किसी भी संख्या को करना हो पांच से गुणा, फौरन कीजिए हाफ। पाकेट से ले आइए जीरो (0)। हो जाएगा यह पांच गुणा अपने आप। यानी 84x52=420 (यहां 84 का आधा 42 हुआ और आगे शून्य)। इसी तरह विषम संख्या के लिए भी सूत्र है। इसी तरह गुणा को आसान बनाने कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना का सूत्र है। इससे पलक झपकते ही सवाल हल हो जाते हैं। वर्ग निकालने गांधीगिरी एवं डिवाइड एंड रूल के, वर्गमूल निकालने सहवाग का अपर कट। नियमों की ऐसी रोचक प्रस्तुति से बच्चे आकर्षित होते हैं। शिवनाथ बिहारी अध्यापन के इस अनोखे कौशल के कारण चर्चा में हैं।


सिविक सेंटर में आयोजित पुस्तक मेले में उन्होंने स्टाल लगाया है। वहां ब्लैक बोर्ड पर गणित के इन फार्मूलों को समझा रहे हैं। उनका कहना है कि गणित बोझ नहीं है। वे इसके जरिए अध्ययन-अध्यापन को आसान बनाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि वे अंग्रेजी में स्नातक हैं, लेकिन गणित के प्रति उनकी जिज्ञासा ने उन्हें जिंदगी का मकसद दे दिया है। फिलहाल मुंबई, कोलकाता, रांची और पटना में उनका बिहारीज पर्सनेलिटी डेवलपमेंट एंड गाइडेंस सेंटर चलता है।


अब तक 25 पुस्तकें : उन्होंने बताया कि उन्होंने गणित पर 8 एवं अन्य विषयों पर 17 पुस्तकें लिखीं हैं। पिछले 32 वर्षो में उन्होंने पूरे देश में लगभग 26,500 से भी अधिक व्याख्यान एवं कार्यशालाएं की हैं। उन्होंनें गणित को फिल्म, क्रिकेट, राजनीति और अध्यात्म से जोड़ने की कोशिश की है। उनका दावा है कि वे मिनटों में 100 तक पहाड़ा सिखा सकते हैं। कुछ ही देर में पूरा परीयोडिकटेबल याद करा सकते हैं।
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इस मासूम लड़की के कारनामे हैं बड़े, पढ़ने के बाद चौंक सकते हैं आप

माओवादी हमले के बीच अपनी जान की परवाह किए बिना छोटे भाई अभिजीत की जान बचाने मूलत: नकुलनार की अंजली सिंह गौतम को गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह के दौरान राजधानी नई दिल्ली में राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल वीरता पुरस्कार प्रदान करेंगी। इस सत्र में यह पुरस्कार पानी वाली यह प्रदेश की इकलौती बहादुर बच्ची होगी।


शहर के एक सरकारी बंगले में कड़ी सुरक्षा के बीच रहने वाली करीब डेढ़ साल पहले 8 जुलाई 2010 की आधी रात दंतेवाड़ा के नकुलनार में इनके घर पर हुए माओवादी हमले में चारों तरफ से गोलियां चल रही थी। अंजली के छोटे भाई अभिजीत के पैर पर गोली लग गई थी। बिना हौसला खोए अंजली ने जख्मी छोटे भाई को कंधे पर लेकर बिना किसी की मदद लिए दौड़ कर अपनी व भाई की जान बचाई थी। अदम्य साहस को देखते हुए अंजली को राज्य वीरता पुरस्कार से इसी वर्ष नवाजा गया है।


बिनानी फाउंडेशन पुरस्कार के लिए भी चयनित हो चुकी है। अंजली अभी सरस्वती विद्या मंदिर में कक्षा 10 वीं में अध्ययनरत है। वह कहती है कि मुझे तो पहले मालूम ही नहीं था कि वीरता पुरस्कार भी दिया जाता है। मैने तो केवल अपने छोटे भाई की जान बचाई है जो मेरा फर्ज था।


डॉक्टर्स बने 'भगवान', बड़ी डिवाइस लगा बचाई बच्चे की जान
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सीट बेल्‍ट पहनने के लिए कहा तो विमान में ही छाती पीटने लगे आसाराम बापू!

आध्‍यात्‍मिक गुरु आसाराम बापू की एक विमान के ‘क्रू’ सदस्‍यों के साथ नोकझोंक का मामला सामने आया है। बापू इंडिगो विमान से वडोदरा से दिल्‍ली आ रहे थे। सूत्रों के मुताबिक चेक इन काउंटर पर देरी से पहुंचने की वजह से उन्‍हें काउंटर पर तैनात कर्मचारी ने बोर्डिंग पास देने से इनकार कर दिया। इस पर बापू के समर्थकों ने हंगामा कर दिया जिसके बाद उन्‍हें बोर्डिंग पास दे दिया गया।

‘इंडियन एक्‍सप्रेस’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक घटना बीते 10 नवंबर की है। खबर के मुताबिक बोर्डिंग पास नहीं मिलने से नाराज आसाराम बापू ने पहले एयरपोर्ट पर हंगामा किया फिर विमान में सवार होने के बाद उन्‍होंने सीट बेल्‍ट पहनने से इनकार कर दिया। क्रू के एक सदस्‍य ने जब कहा कि सुरक्षा कारणों से सीट बेल्‍ट पहनना जरूरी है तो बापू छाती पीटने लगे और कहने लगे, 'बापू का अपमान हुआ'।

इसे लेकर विमान में सवार ‘क्रू’ सदस्‍यों के साथ उनकी नोकझोंक हुई। मामला इतना बढ़ गया कि विमान के पायलट ने दिल्‍ली एयरपोर्ट पर ‘एंटी-हाइजैक’ और अन्‍य सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के लिए अलर्ट कर दिया। हालांकि बाद में मामला सुलझ गया और पुलिस में इस बारे में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई।
बीते दस नवंबर को बापू इंडिगो की फ्लाइट 6ई 482 से वडोदरा से दिल्ली आ रहे थे। चेक इन काउंटर पर हंगामे के बाद बापू जब विमान में सवार हो गए तो क्रू सदस्य जिन्सी मैथ्यू ने बापू से सीट बेल्ट पहनने का आग्रह किया। बापू ने सीट बेल्ट तो नहीं पहनी बल्कि अपनी छाती पीटकर कहने लगे बापू का अपमान हुआ।
इस पर क्रू सदस्यों ने मामले की जानकारी पायलट को दे दी जिसने एयरपोर्ट पर सुरक्षा की मांग करते हुए अलर्ट जारी कर दिया। जिस समय विमान दिल्ली में इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर विमान के उतरने से पहले ही टारमैक पर सीआईएसएफ के जवानों को तैनात कर दिया गया। हालांकि दोनों पक्षों के समझौता करने के बाद अधिकारिक तौर पर कोई मामला दर्ज नहीं किया गया।
पूरे मामले पर बापू के प्रवक्ता का कहना है कि यह विवाद एक क्रू सदस्य के बापू के करीबी सहयोगी आनंद शर्मा को वॉशरूम इस्तेमाल न करने देने को लेकर हुआ। आनंद ने लिखित में शिकायत की जिसकी एयरलाइन ने माफी मांग ली। वहीं एयरलाइन का कहना है यात्री उस समय वॉशरूम इस्तेमाल करना चाहते थे जब कॉकपिट को सर्व किया जा रहा था। सुरक्षा मानकों के तहत इस दौरान किसी भी यात्री को वॉशरूम इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होती है। i Love My Fazilka

Monday 12 December 2011

इंटरनेट की दुनिया को पूरी तरह बदल देगी यह तकनीक

जी हां बिना डेटाकार्ड और वायर के इंटरनेट की कल्पना भी नहीं कि जा सकती लेकिन अब इस सपने को सच साबित कर दिखाया है भारत के एक युवा वैज्ञानिक ने जिन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर नई खोज ईजाद की है। जमशेदपुर के युवा वैज्ञानिक रणवीर चन्द्र सिंह तिवारी के मुताबिक देश में जहां-जहां दूरदर्शन की पहुंच होगी वहां लोग इंटरनेट का लाभ उठा सकेंगे इसके लिए किसी भी तरह के तार और डेटा कार्ड की जरुरत नहीं होगी जिस तरह दूरदर्शन बिना तार या डेटा कार्ड के चलता है वैसे ही अब इंटरनेट भी चलेगा।




वाई फाई सिस्टम की तर्ज पर चलने वाला यह सिस्टम दूरदर्शन के अनुपयोगी स्पेक्ट्रम की तरह काम करेगा। जमशेदपुर के वैज्ञानिक रणवीर सिंह अमेरिका के माइक्रोस़ॉफ्ट हेडक्वार्टर में बतौर रिसर्चर काम कर रहे हैं उनके इस नए सिस्टम ‘व्हाइट-फाइ’ को अमेरिका के फेडरल कम्यूनिकेशन कमीशन से मान्यता मिल गई है।



क्या है तकनीक



इस इंटरनेट डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम की बदौलत पुराने दूरदर्शन जैसे चैनल उपलब्ध कराने वाले स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल किया जाएगा। लेकिन इसकी रेंज वाईफाइ से ज्यादा होगी। Fazilka

Saturday 10 December 2011

जलेगी जेब: रसोई गैस के एक सिलेंडर के देने होंगे 700 रुपये

.महंगाई की मार से जूझ रही जनता की जेब अब रसोई गैसे की कीमत से जलेगी। सरकार रसोई गैस और केरोसिन की सब्सिडी खत्म करने की तैयारी में है। अगले साल पहली अप्रैल से सिलेंडर पर सब्सिडी खत्म करने की योजना बन चुकी है। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी यूआईडीएआई के प्रमुख नंदन निलेकणी ने इस बारे में फॉर्मूला सरकार के हवाले कर दिया है।




इस फॉर्मूले के मुताबिक सब्सिडी का फायदा लोगों की कमाई के आधार पर मिलेगा। सरकार जिन लोगों को सब्सिडी के लायक मानेगी, उन्‍हें सब्सिडी का रुपया सीधे उनके बैंक खाते में जमा कर दिया जाएगा। बैंक खाता आधार संख्या से जुड़ा होगा।


सिलेंडर पर नकद सब्सिडी की पायलट परियोजना हैदराबाद और मैसूर में चल रही है, जबकि केरोसीन पर नकद सब्सिडी की पायलट परियोजना अलवर में चल रही है। इसे पहली अप्रैल से पूरे देश में लागू करने की योजना है। इसके लिए राज्य सरकारों को 31 मार्च तक तैयारी कर लेनी है। इससे पहले पेट्रोलियम और गैस पर बनी संसद की स्‍थायी समिति रसोई गैस पर सब्सिडी पूरी तरह खत्म करने की सिफारिश कर चुकी है। समिति की रिपोर्ट के मुताबिक जिनकी सालाना आमदनी छह लाख रुपये या इससे ज्यादा है उन्हें रसोई गैस पर सब्सिडी देना सरकार तुरंत बंद कर दे। साथ ही साथ, गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों को मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन देने की स्कीम अगले 5 साल तक और जारी रखी जाए।



हालांकि फिलहाल पेट्रोलियम मंत्रालय ने एलपीजी गैस के सिलेंडरों का कोटा तय करने की योजना टालने का फैसला किया है। मंत्रालय के प्रस्ताव के मुताबिक आयकर अदा करने वाले लोगों के लिए साल भर में महज चार सिलेंडर ही रियायती दर (सब्सिडी के साथ) पर देने की बात कही जा रही है। प्रस्‍ताव के मुताबिक यदि चार से अधिक सिलेंडर की जरूरत पड़ी तो इसे बाजार के दाम पर लेना होगा। ऐसा होता है तो आम तौर पर अगर आप हर साल आठ से नौ सिलेंडर रिफिल कराते हैं तो आपका बजट 1100 से 1300 रुपये तक बढ़ जाएगा।


देश की राजधानी दिल्‍ली में एक सिलेंडर रिफिल कराने में करीब चार सौ रुपये लगते हैं जौ मौजूदा बाजार मूल्‍य से 260 रुपये कम है। इसमें सरकार और तेल कंपनियां सब्सिडी देती हैं।



मंत्रलाय ने पेट्रोलियम पदार्थों पर सब्सिडी की वजह से सरकारी खजाने का बोझ कम करने और सिर्फ जरूरतमंदों को ही सरकारी सब्सिडी का फायदा मिलना सुनिश्चित कराने के मकसद से ऐसा प्रस्‍ताव लाया था। सरकार का मानना है कि सस्‍ते सिलेंडर का कोटा तय करने पर हर साल करीब 12 हजार करोड़ रुपये की बचत हो हो सकती है। लेकिन अब मंत्रालय के आधिकारिक सूत्र बता रहे हैं कि इस योजना को कुछ समय के लिए ठंडे बस्‍ते में डाल दिया गया है।

फेसबुक ने आईआईटी-कानपुर के एक छात्र को 70 लाख रुपए सालाना के पैकेज की पेशकश की है।

इन दिनों यहां पर कैंपस प्लेसमेंट चल रहा है। आईआईटी-कानपुर के रजिस्ट्रार संजीव काशेलकर ने बताया कि एमटेक (कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग) के छात्र सिद्धार्थ अग्रवाल को इस पैकेज (लगभग 70 लाख रुपए) की पेशकश की गई है।

उन्होंने बताया कि फेसबुक ने दूसरे छात्रों को भी काफी अच्छे पैकेज दिए हैं, लेकिन अग्रवाल को मिला पैकेज अब तक का सबसे अधिक है। रजिस्ट्रार ने सही राशि का खुलासा नहीं किया। पिछले हफ्ते फेसबुक ने आईआईटी-खड़गपुर के एक छात्र को भी इसी तरह के पैकेज की पेशकश की थी। आईआईटी-कानपुर में प्लेसमेंट प्रक्रिया 2 दिसंबर को शुरू हुई थी।

इसमें 950 से अधिक ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट छात्र माइक्रोसॉफ्ट, जीई, इन्फोसिस और टीसीएस जैसी बड़ी कंपनियों में नौकरी पाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। पहले ही दिन 100 छात्रों को नौकरियों के प्रस्ताव मिले। इनमें से 15 छात्रों को माइक्रोसॉफ्ट ने लिया था। प्लेसमेंट प्रक्रिया शुरू होने के बाद से 400 से अधिक छात्रों के प्लेसमेंट हो चुके हैं। प्लेसमेंट प्रक्रिया में 200 कंपनियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। यह प्रक्रिया 22 दिसंबर को खत्म होगी।

Wednesday 7 December 2011

रिलायंस का धमाका सिर्फ 3500 में बेचेगी टैबलेट कंप्यूट

जी हां मुकेश अंबानी की रिलायंस कंपनी जल्द ही 4जी टेक्नोलॉजी से युक्त इस टैबलेट को बाजार में उतारने जा रही है। रिलायंस कंपनी इससे पहले अगले साल के बीच में 4जी टेक्नोलॉजी शुरु करने की बात कही थी लेकिन अब कंपनी जल्द ही यह सेवा शुरु कर सकती है कंपनी इस सेवा को अपने 3500 रुपए के टैबलेट के साथ शुरु कर सकती है।


4जी टेक्नोलॉजी में डाटा ट्रांसफर की स्पीड 3जी टेक्नोलॉजी से कहीं ज्यादा होती है। यहीं नहीं कंपनी इस तकनीक को बेहद सस्ते में मुहैया करवाएगी। रिलायंस कंपनी एक जीबी डाटा के लिए सिर्फ 10 रुपए चार्ज करेगी जो मौजूदा 3जी तकनीक के चार्ज का दसवां भाग है। फिलहल मौजूदा टेलीकॉम ऑपरेटर्स 3जी तकनीक में 1 जीबी डाटा डाउनलोड के लिए 100 चार्ज कर रहे हैं।





आपको बता दें कि आरआईएल देश में इकलौती ऐसी कंपनी है जिसे पूरे देश में 4जी तकनीक का लाइसेंस मिला हुआ है कंपनी ने इसके लिए 13000 करोड़ रुपए का भुगतान किया है।


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इसे पढ़ने के बाद आप जान जाएंगे एक रुपए की ताकत को..

आगरा।आगरा की एक युवती ने इस पुरानी कहावत को सही साबित कर दिखाया कि बूंद-बूंद से समंदर बनता है। दो साल पहले उन्होंने 500 गुल्लक आगरा की इतनी ही दुकानों पर रखे थे और सभी से सिर्फ एक रुपये प्रतिदिन इसमें डालने का अनुरोध किया था। एक-एक रुपये कर आज उनके पास करीब ढाई लाख रुपये एकत्र हो चुके हैं।


उनका मकसद इन पैसों से एक ऐसे अस्पताल का निर्माण करना था, जहां गरीबों को उचित चिकित्सा सुविधा मिल सके। उनका यह सपना हालांकि अब तक पूरा नहीं हो सका है, लेकिन वह अपने इस प्रयास से पहले ही एक जिंदगी बचा चुकी हैं। यह कारनामा कर दिखाने वाली हैं आईटी पेशेवर सपना अग्रवाल, जिनकी उम्र अभी 30 साल भी पूरी नहीं हुई है।


सपना ने 'माले वेलफेयर सोसाइटी' नाम से अपना गैर-सरकारी संगठन बनाया और एक-एक सिक्के के रूप में मिले अनुदान को एकत्र करना शुरू किया। सपना ने कहा, "सिर्फ एक बूंद नाकाफी हो सकती है, लेकिन जब कई बूंद मिल जाती है तो वे बारिश की तरह खुशी व जीवन के लिए सहायक साबित होती हैं।"


सपना को इस काम की प्रेरणा दो साल पहले तब मिली थी जब उनके माता-पिता बीमार थे और शहर में खराब चिकित्सा व्यवस्था की वजह से उन्हें समुचित इलाज नहीं मिल पाया। इसके बाद उन्होंने आगरा में विश्वस्तीय अस्पताल बनाने का निर्णय लिया, जहां गरीबों को नि:शुल्क इलाज मिल सके।


उनका यह सपना हालांकि अब तक पूरा नहीं हो पाया है, लेकिन पिछले दो साल में एकत्र हुए करीब ढाई लाख रुपये से वह एक गरीब परिवार की युवती को बचा चुकी हैं, जो हृदय रोग की वजह से पिछले करीब आठ साल से बिस्तर पर थी। 20 वर्षीया कंचन के हृदय के बाल्व में गड़बड़ी थी। उसकी मां कमलेश बेटी को बचाने के लिए हर जगह गईं। लेकिन उन्हें मदद मिली तो सपना से।


सपना ने अपने गैर सरकारी संगठन के जरिये कंचन के इलाज के लिए वित्तीय सहायता मुहैया कराई। परिणामस्वरूप उसका ऑपरेशन हो सका। लेकिन बेटी को पूरी तरह ठीक रखने के लिए कमलेश को और पैसों की जरूरत है, जिसके लिए सपना ने लोगों से मदद का आह्वान किया है।
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Tuesday 6 December 2011

फेसबुक को चेतावनी- भारतीयों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ बर्दाश्‍त नहीं...

नई दिल्‍ली. सोशल साइट्स, खास कर फेसबुक पर कंटेंट को लेकर दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्‍बल की आपत्ति की खबरें सामने आने के बाद सरकार ने सफाई दी है। उसका कहना है कि प्रधानमंत्री या कांग्रेस अध्‍यक्ष का नाम नहीं लिया गया था, बल्कि सोशल साइट्स पर देवी-देवताओं के अपमान का मसला उठाया गया था। सरकार इन साइट्स पर लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली टिप्‍पणियों से नाराज है।

सिब्‍बल ने आज नई दिल्‍ली में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि करीब तीन महीने पहले गूगल, याहू, जैसी साइट्स पर ऐसी तस्‍वीरें छपी जो हिंदुस्‍तान के किसी भी व्‍यक्ति को अपमानित करती हैं। ये धार्मिक लोगों की भावनाओं का खिलवाड़ है। सरकार ने इन कंपनियों के प्रतिनिधियों से रास्‍ता निकालने के लिए कहा। फिर 3 अक्‍टूबर को को पहली बार चिट्ठी लिखी गई। 19 अक्‍टूबर को रिमाइंडर भेजा गया लेकिन कोई जवाब नहीं आने पर 4 नवंबर को संचार सचिव ने इन प्रतिनिधियों को बुलाकर आपत्तिजनक तस्‍वीरों के मामले में कार्रवाई करने के लिए फ्रेमवर्क तैयार करने की सलाह दी।

उन्‍होंने कहा, ‘इन साइट्स के प्रतिनिधि हमारी कुछ मांगों पर मौखिक तौर पर राजी भी हुए। फिर सरकार ने 29 नवंबर को सुझाव मांगने के लिए मीटिंग बुलाई। लेकिन पांच दिसंबर को इन कंपनियों ने लिखित तौर पर साफ कर दिया कि वो हमारी बात नहीं मानेंगे।’ उन्‍होंने कहा, ‘देश की संस्‍कृति का सम्‍मान करना चाहिए। लोगों की भावनाओं की कद्र करनी चाहिए। हम इस तरह का अपमान नहीं होने देंगे।’
कपिल सिब्‍बल ने प्रेस कांफ्रेंस में वो आपत्तिजनक तस्‍वीरें भी दिखाईं लेकिन देश की जनता के सामने इसे सार्वजनिक करने से बचते दिखाई दिए। उन्‍होंने कहा कि ऐसी तस्‍वीरों का प्रसारण करने की इजाजत न तो टीवी, प्रिंट या ऑनलाइन मीडिया में है। उन्‍होंने कहा कि सरकार सेंसरशिप में यकीन नहीं रखती है और सोशल मीडिया की आजादी में कोई दखल नहीं दी जाएगी। लेकिन ऐसी आपत्तिजनक तस्‍वीरें प्रसारित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कोई भी संवेदनशील व्‍यक्ति इस मामले की गंभीरता को समझ सकता है।

सिब्‍बल ने मीडिया में आ रही इन खबरों का भी खंडन किया कि सरकार अन्‍ना हजारे के आंदोलन से डरकर सोशल मीडिया पर अंकुश लगाने की तैयारी में है।

अमेरिकी अखबार 'न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स' के मुताबिक केंद्रीय दूरसंचार और मानव संसाधन एवं विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक और याहू के अधिकारियों की एक बैठक बुला कर कहा था कि धर्म से जुड़े लोगों, प्रतीकों के अलावा भारत के प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष जैसी राजनीतिक हस्तियों के खिलाफ अपमानजनक सामग्री की निगरानी करें। सिब्बल ने यह भी कहा कि निगरानी के लिए सिर्फ तकनीक पर निर्भर न रहें बल्कि इसके लिए लोगों को लगाएं (विस्‍तृत खबर रिलेटेड आर्टिकल में पढ़ें।

Monday 5 December 2011

अगर आप जीमेल और फेसबुक इस्तेमाल कर रहे हैं तो पहले इसे पढ़ लें

जी हां अगर आप जीमेल का इस्तेमाल करते हैं या ब्लैकबेरी और एप्पल के स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके लिए है दुनिया भर में बड़े-बड़े देशों की पोल खोलकर रख देने वाले जूलियन असांजे ने इन बड़ी कंपनियों पर आरोप लगाया है कि यह कंपनिया अपने ग्राहकों की जानकारी को खुल्लेआम बेच रही हैं जूनियन असांजे ने कहां कि मास सर्विलांस अरबो रुपए का बिजनेस बन गया है जिसमें यह कंपनियां किसी देश की गुप्तचर एजेंसी के लिए काम करती हैं और इन सूचनाओं के बदले इन्हें अरबो डॉलर मिलते हैं।







असांजे ने कहां कि कई कंपनियां मोबाइल के लिए अपने उपकरण बेचने के पीछे अपने जासूसी के उपकरण बेच देती है जिससे उपभोक्ता की सारी जानकारी इन कंपनियों तक पहुंचती रहती है जिसे यह आगे बेच देती हैं। उन्होंने कहा कि नोकिया सीमेंस की एक सब्सिडरी कंपनी ट्रोवीकर का इस्तेमाल बहरीन नागरिकों की जासूसी के लिए किया जाता था जिसके बाद इसपर काफी बवाल हुआ था नोकिया सीमेंस ने इस कंपनी को 2009 में बेच दिया था।







आपको बता दें कि जासूसी की इस लिस्ट में विकीलीक्स ने सिर्फ ब्लैकबेरी और आईफोन और फेसबुक पर यह आरोप लगाया है बल्कि उन्होंने जो लिस्ट जारी की है उसमें 160 कंपनियों के नाम है विकीलीक्स ने 287 पेज के अपने डाक्यूमेंट में इन कंपनियों का जिक्र किया है।

पागल है कैप्टन, इसलिए बुरा नहीं मानते : सुखबीर

देतवाल (लुधियाना). कैप्टन पागल है। इसीलिए वह कुछ भी कहें हम बुरा नहीं मानते। पंजाब में हुए विकास को अनदेखा करके गाली गलौच की भाषा का उपयोग करने वाले को पागल नहीं तो और क्या कहें? इन तीखे शब्दों के साथ पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर पर शब्दबाण छोड़े उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने। अवसर था देतवाल में आयोजित शिरोमणि अकाली दल की रैली। सुखबीर बादल ने इस रैली को पंजाब विकास यात्रा का प्रथम पढ़ाव का नाम देते हुए ऐलान किया कि शिअद विधानसभा चुनाव विकास के नाम पर ही लड़ेगा।

उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि अकाली भाजपा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश की आय 35 हजार करोड़ से बढ़कर 76 हजार करोड़ रुपए हो गई। छात्राओं को साइकिल देना, आटा दाल स्कीम, राइट टू सर्विस एक्ट, किसानों के बिजली के बिल माफ करना, शगुन स्कीम व पेंशन स्कीम सरकार की उपलब्धियां हैं। अगर भूलवश भी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार सत्ता में आती है तो वह इन सारी सहूलियतों को बंद कर देगी। पंजाब में पेट्रोल महंगा होने के मुद्दे पर सुखबीर ने कहा कि केंद्र की टैक्स प्रणाली के कारण राज्य में पेट्रोल अधिक महंगा है।

विस चुनाव में अन्ना हजारे व बाबा रामदेव

का साथ लेने बारे पूछने पर शिअद अध्यक्ष ने कहा कि शिअद हरेक का साथ लेने का तैयार है। इससे पूर्व यूथ अकाली दल अध्यक्ष बिक्रम सिंह मजीठिया ने चिरपरिचित शैली में कांग्रेसियों को ललकारा तो अकाली दल में विलय की गई लोकभलाई पार्टी के अध्यक्ष बलवंत सिंह रामूवालिया विलय को सही ठहराने का प्रयास ही करते दिखे।

पंजाब के विकास का गुणगान करते हुए सभी वक्ताओं के निशाने पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ही रहे। यहां बता दें कि शनिवार को दाखा हल्के में ही अमरिंदर ने रैली के दौरान अकाली नेताओं को खूंडे (डंडे) से सीधा करने का बयान दिया था। आज की रैली में अकाली नेताओं पर अमरिंदर सिंह के बयान से पैदा हुई तलखी साफ दिखाई दी। आज की रैली में विधायक दर्शन सिंह शिवालिक, मनप्रीत सिंह अय्याली, जगदीश सिंह गरचा, गुरचरण सिंह ग्रेवाल, महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल, पूर्व सांसद शरणजीत सिंह ढिल्लों आदि भी उपस्थित रहे।

Friday 2 December 2011

11 वीं कक्षा के इन दोनों छात्रों ने ये क्या कर दिया!

ग्राम खड़मा स्थित हाईस्कूल से कंप्यूटर व अन्य सामान चुराने के आरोप में पुलिस ने स्कूल के ही दो छात्रों को गिरफ्तार किया है। वे खड़मा हाईस्कूल में ही कक्षा 11 वीं के छात्र हैं। पुलिस ने आरोपी छात्र के घर से कंप्यूटर सहित अन्य सामान बरामद कर लिया है। थाना प्रभारी रमेश मरकाम ने उसका नाम घनश्याम व यशवंत बताया है।


पुलिस के अनुसार उन्होंने 7 मई की रात अपने ही स्कूल का दरवाजा तोड़ कर कंप्यूटर, मानिटर, सीपीयू, प्रिंटर, यूपीएस, स्टेब्लाइजर्स, की-बोर्ड, माउस, ज्यामेट्री बाक्स चुराया और अपने घर ले गए। पुलिस ने कंप्यूटर सहित पूरा सैट यशवंत के घर से बरामद किया। घनश्याम ने बताया कि उन्होंने दो साल तक कंप्यूटर प्रशिक्षण लिया। गरीबी के चलते उनके परिवार के लोग उनके लिए कंप्यूटर नहीं खरीद सका। उसने यशवंत के साथ मिल कर यह चोरी की। पुलिस ने दोनों के खिलाफ 457 व 380 के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले को निपटाने में प्रधान आरक्षक नंदकुमार नेताम, राहुल सिंह, माधवलाल ने भी सहयोग किया।

अब मुफ्त में रीचार्ज होगा आपका मोबाइल

मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वालों के लिए खुशखबरी है। अब आप बिना पैसे खर्च किए अपना मोबाइल फोन रिचार्ज कर सकते हैं। दरअसल फ्रीचार्ज डॉट इन नाम की एक कंपनी आपको उतने ही रकम के कूपने दे देगी जितनी रकम से आप अपना मोबाइल रीचार्ज करवाएंगे। इन कूपन्स का इस्तेमाल आप मैकडोनाल्ड और बरिस्ता जैसे रीटेल फूड चेन्स में कर सकते हैं।

करीब तीन हफ्ते पहले ही फ्रीचार्ज डॉट इन ने भारत में अपनी सेवा शुरू की है। और इतने कम समय में ही अपैरल, मल्टीप्लेक्स और ग्रोसरी सेक्टर से जुड़ी 15 बड़ी कंपनियों ने इससे जुड़ने का मन बना लिया है।

इस खास स्कीम के तहत आप अपना मोबाइल 10 रुपए से लेकर 1000 रुपए तक की रकम से रिचर्ज करवा सकते हैं। कंपनी अभीं रोजाना अपने पोर्टल के जरिए 1000 ग्राहकों का मोलाइल फोन रिचार्ज कर रही है। यह सुविधा अभीं केवल प्री पेड मोबाइल कस्टमर्स को दी जा रही है।


फ्रीचार्ज डॉट इन के जरिए अपना मोबाइल फोन रिजार्च करवाने के लिए पहले आपको इसकी वेबसाइट पर लॉग इन करना पड़ेगा। फिर अपना मोबाइल नंबर और वह रकम टाइप करनी पड़ेगी, जिससे आप अपना मोबाइल रिचार्ज करवाना चाहते हैं। इसके साथ ही आपको ये ऑप्शन भी दिया जाएगा कि आप किस कंपनी का मुफ्त कूपन लेना चाहते हैं। अपनी रिचार्ज की रमक का पेमेंट आप आपने क्रेडिट कार्ड, डेबिट/एटीएम कार्ड या फिर नेट बैंकिंग के जरिए कर सकते हैं। पेमेंट करते ही आपका मोबाइल रिचार्ज हो जाएगा। जबकि मुफ्त कूपन्स आपके पास कोरियर के जरिए तीन दिनों के भीतर भेजे जाएंगे।

सम्मान : Fazilka ईको कैब राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित

ग्रेजुएट्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से शुरू किया गया इको कैब को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। यह पुरस्कार एसोसिएशन के सचिव नवदीप असीजा, नगर कौंसिल अध्यक्ष अनिल सेठी व डीसी डॉ. बसंत गर्ग को 6 दिसंबर को दिल्ली के मानिक शाह भवन में केंद्रीय अर्बन डेवलपमेंट मंत्री कमल नाथ द्वारा दिया जाएगा। विभाग द्वारा पर्यावरण शुद्धता में उल्लेखनीय प्रयास करने के लिये करवाए गये नॉन मोटर ट्रांसपोर्ट व मोटर ट्रांसपोर्ट मुकाबलों में कम वजन वाली इको कैब रिक्शा को भारत में सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया है, जबकि दिल्ली की मैट्रो इससे पीछे रही। बता दें कि ग्रेजुएट वेलफेयर एसोसिएशन ने जिला प्रशासन व नगर परिषद के सहयोग से सर्वप्रथम फाजिल्का में हल्के वजन की इको कैब रिक्शा को लांच किया था।
एसोसिएशन ने नगर परिषद अध्यक्ष अनिल सेठी के सहयोग से इको कैब के चालकों की सुविधा के लिए नगर में कई स्थानों पर रिक्शा स्टैंड बनवाए, इन रिक्शा चालकों को मोबाइल, बीमा सुविधा उपलब्ध करवाई गई।
इस कार्य में जिला प्रशासन का जहां भारी सहयोग रहा वहीं जिला उपायुक्त डॉ. बसंत गर्ग ने इसमें विशेष दिलचस्पी दिखाई।
नेशनल अवार्ड की जानकारी मिलने पर इको कैब सदस्यों और रिक्शा चालकों ने मुख्य बस स्टैंड पर लड्डू बांटकर भंगड़ा डाला। यूनियन के प्रधान हंसा सिंह, उपप्रधान मनजिंद्र
सिंह, सचिव राज कुमार आदि उपस्थित थे। (लछमण दोस्त)
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Tuesday 29 November 2011

खुशखबरी: और सस्ता होगा पेट्रोल! कल हो सकता है ऐलान

अगर अगले दो दिनों में भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल के दामों में गिरावट रही तो जनता को एक बार फिर तेल कंपनियों की ओर से ‘सौगात’ मिल सकती है। पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से कंपनियों को दिए गए निर्देश में कहा गया है कि ग्राहकों से अधिक वसूली न की जाए। इससे कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में दामों में आई गिरावट का लाभ जनता को देने पर विचार कर रही है। हालांकि इसके लिए कंपनियां अगले दो दिन तक इंतजार करना चाहती हैं। अगर गिरावट का यह सिलसिला बना रहा तो ग्राहकों को पचास पैसे से लेकर डेढ़ रुपए प्रति लीटर तक की राहत मिल सकती है। कीमत में कमी रुपए की गिरावट के बावजूद होगी जबकि पहले इसी वजह से दामों में वृद्धि होती रही है।

16 नवंबर से पेट्रोल के दाम प्रति बैरल 107.5 डॉलर हो गए हैं। इससे पहले यह 114.5 डॉलर प्रति बैरल था। दूसरी ओर, रुपए की स्थिति 2 रुपए तक कमजोर हुई है। इसके बावजूद तेल कंपनियों को पेट्रोल पर लाभ हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक, पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी ने तेल कंपनियों को कहा है कि वह यह लाभ ग्राहकों को देने पर विचार करें। यदि कंपनियां लाभ ग्राहकों को देती हैं तो यह इस माह में पेट्रोल के दाम में दूसरी कटौती होगी। इससे पहले 15 नवंबर को कंपनियों ने 2.22 रुपए प्रति लीटर की कटौती पेट्रोल के दाम में की थी। इससे पहले कंपनियों ने 1.80 रुपए प्रति लीटर दाम बढ़ाया था।

Saturday 26 November 2011

अय्याश पति से थी तंग...तो मारा, काटा फिर पका दी बोटियां ( real Incident )

पति की हरकतों से नाराज एक पाकिस्तानी महिला ने न सिर्फ पति के टुकड़े-टुकड़े कर दिए बल्कि उसे उसके शरीर के कुछ हिस्सों को पकाने के लिए शोरबे में भी चढ़ा दिया।



यह घटना पाकिस्तान के कराची शहर की हैं। स्थानीय पुलिस के मुताबिक आरोपी महिला जैनब के भांजे को भी हत्या की इस वारदात में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। हालांकि जैनब और उसके भांजे ने गिरफ्तारी के बाद से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।



बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस की अभी तक की जांच में सामने आया है कि जैनब के पति ने जैनब की पुराने पति से हुई बेटी से बलात्कार का प्रयास किया था जिससे खफा जैनब ने नशा देकर बेहोश करने के बाद अपने पति की हत्या कर दी।



जैनब ने अपने पति के शरीर को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट डाला और उसके मांस को बर्तन में पकाया भी। मांस पकने की बदबू जब पड़ोसियों ने सूंघी तो उन्हें दाल में कुछ काला लगा और उन्होंने तुरंत पुलिस को खबर कर दी।



मौके पर पहुंची पुलिस ने जब छानबीन की तो सामने आए सच को देखकर उनके होश उड़ गए। महिला अपने पति के शरीर के टुकड़ों को बर्तनों में उबाल रही थी। उसने पति के शरीर के कुछ टुकड़े सफेद एल्यूमीनियम संदूक में रखे हुए थे, जिन्हें बाद में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।



इस वीभत्स कृत्य पर जैनब ने 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' को बताया कि वो अपने पति की लाश को अपने पास ज़्यादा समय नहीं रखना चाहती थी इसलिए उसने उन्हें पकाने का फैसला किया।

भारतीय कंपनी का कमाल सिर्फ 3000 में बेचेगी टैबलेट कंप्यूटर

जी हां, बेहद सस्ता यह टैबलेट कंप्यूटर जनवरी से देशभर में मिलना शुरु हो जाएगा। इस टैबलेट की खास बात यह है कि इसमें इटंरनेटल सर्फिंग भी की जा सकेगी। भारतीय विद्यार्थियों की जेब का ख्याल रखते हुए डाटा विंड ने यह टैबलेट कंप्यूटर तैयार किया है डाटा विंड कंपनी ने इस टैबलेट को यूबीस्लेट नाम दिया है।



कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनीत सिंह तूली के मुताबिक वो सिर्फ सस्ते टैबलेट ही नहीं बनाएंगे बल्कि सिर्फ 99 रुपए में अनलिमिटे़ इंटरनेट देने की भी उनकी योजना है।



आपको बता दें कि सरकार जो सस्ता टैबलेट कंप्यूटर बेच रही है वो भी डाटाविंड ने ही तैयार किया गया था सरकार ने इसे आकाश नाम दिया है। देश में सस्ते टैबलेट कंप्यूटरों की होड में अब निजी कंपनियां भी लग गई है रिलांयस 6 हजार में टैबलेट कंप्यूटर लांच करने की तैयारी में जुट चुकी है कई कंपनियां 6 हजार में टैबलेट लांच कर चुकी है।

Friday 25 November 2011

सबसे अनोखी बाइक, 1 लीटर में चलेगी 100 KM ! Fazilka me ayegi ..hahaha

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होंडा से अलग होकर हीरो ने लांच की ये दमदार बाइक!


इस बाइक को खरीदने के लिए एक साल तक इंतज़ार करना होगा पेट्रोल की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं ऐसे में ज्यादा माइलेज देने वाले वाहनों को लेकर देश में लगातार प्रयोग किए जा रहे हैं। और अब ऐसा ही प्रयोग तमिलनाडु के एक निजी इंजिनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने एक बाइक को लेकर किया है। दरअसल इन छात्रों की तरफ से 'नैनो' मोटरसाइकल का डिजाइन तैयार करने का दावा किया है जो एक लीटर पेट्रोल में 97 किमी तक चल सकेगी।




छात्रों ने यह डिजाइन अपने प्रोफेसरों के मार्गदर्शन में एक निजी इंजिनियरिंग सर्विस कंपनी की सहायता से बनाया है। कंपनी की रिसर्च विंग के सामने मोटरसाइकल प्रदर्शित करते हुए छात्रों ने बताया कि इसे बनाने में स्टील, एल्युमीनियम अलॉय और प्लास्टिक का प्रयोग किया गया है। एक व्यक्ति की वाहन क्षमता वाली इस मोटरसाइकल की अधिकतम स्पीड 45 किमी प्रति घंटा है।[/b]

Monday 17 October 2011

Fazilka की विरासत इमारतें

Fazilka एम.सी


स्थानीय नगरपालिका FAZILKA: सोमवार को स्थानीयनगरपालिका परिषद के राज्य में पहली बार नागरिकनिकाय बन गया ऑनलाइन जाओ.

यह पंजाब एक सुविधा केन्द्र और निवासियों के लिएएक ऑनलाइन सुविधा है, जहां वे पानी, सीवरेज, घर और माउस के क्लिक पर घर से कर फ़ाइल शिकायतों के बिल प्रस्तुत कर सकते हैं होने में केवल एम सी बन गया है.

पंजाब परिवहन और तकनीकी शिक्षा मंत्री सुरजीतकुमार Jiyani सुविधा का उद्घाटन किया. एमसी अध्यक्षअनिल सेठी के प्रयासों में क्षेत्र के लोगों को, जो बसे उनकेनागरिक समस्याओं को तुरंत मिल जाएगा लाभ होगा,Jiyani कहा.

नगरपालिका परिषद, जो 2008 में ऋण के तहत किया गया आत्म - निर्भर अब बन गया है.

नागरिक शरीर यकीनन कार मुक्त जाने के लिए देश में पहली बार शहर है. एम सी के अलावा शहर के विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में मिला था 12 अति आधुनिकशौचालय का निर्माण. अधिकारियों को भी ऊर्जा की बचतउपकरणों के साथ timerbased streetlight प्रणालीस्थापित किया था.

Streetlighting पर 95% काम पूरा हो गया था. शहर में ही स्टेडियम उचित व्यवस्था बैठे और राज्य oftheअत्याधुनिक प्रकाश व्यवस्था के साथ पुनर्निर्मित किया गया था.

"एक समय में जब दुनिया में ई - गवर्नेंस के बारे में बात कर रहा था, हम पीछे नहीं बर्दाश्त कर सकते हैं.
सेठी ने कहा कि यह इस प्रयास है कि राज्य में Fazilkaपहला एम सी के लिए ऑनलाइन जाने.

Jiyani, जो भी एक नव निर्मित एम सी के कॉन्फ्रेंस हॉलका उद्घाटन किया ने कहा कि दुकानदारों, जोनगरपालिका परिषद संपत्ति के कब्जे में थे, कौंसिल कीबैठक में एक प्रस्ताव पारित करके स्वामित्व अधिकारदिया जाएगा.

Anna promises to work with Congress if govt brings strong Lokpal Bill ( Ankur ,KaRan )

प्रधानमंत्री नवीनतम उसे पत्र से प्रोत्साहित, भ्रष्टाचार विरोधी योद्धा अन्ना हजारे के लिए कांग्रेस के साथ काम अगर संप्रग सरकार यह सुनिश्चित करता है कि एक मजबूत लोकपाल विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में पारित हो जाता है और अन्य सुधारों में लाता है का वादा किया है.

एक ही शाखा में, वह एक चेतावनी भेजी है कि सत्तारूढ़ पार्टी के लिए अगर लोकपाल विधेयक शीतकालीन सत्र में पारित नहीं किया था कि वह आ रही उत्तर प्रदेश और हिसार में की तरह चार अन्य राज्यों में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खिलाफ काम करेंगे.

'Maun Vrat' पर जाने से पहले एक टीवी समाचार चैनल को दिए एक साक्षात्कार में 74 वर्षीय गांधीवादी ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नवीनतम उसे पत्र के बाद, उन्होंने प्रोत्साहित किया गया था कि सरकार एक मजबूत लोकपाल लाना होगा, चैनल में कहा एक रिलीज.

, "यदि सरकार एक मजबूत लोकपाल लाता है और उसके अन्य वादों रहता है, मैं कांग्रेस का विरोध क्यों करना चाहिए. वास्तव में हम कांग्रेस के साथ काम करेगा," उन्होंने कहा, लोकपाल विधेयक और निर्वाचन अधिकार सहित सुधारों को अस्वीकार करते हैं, विकेन्द्रीकरण और जिक्र ग्राम सभाओं को ज्यादा अधिकार है.

धारणा है कि टीम अन्ना विरोधी कांग्रेस है दूर करने की मांग, वह इस बात से इनकार किया कि वे हिसार में भाजपा और आरएसएस के इशारे पर कांग्रेस के खिलाफ अभियान चलाया था.

मोहन भागवत: अन्ना कभी मुलाकात

"मैं केवल टीवी पर उसे (आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत) देखा, मैं उसे कभी नहीं मिला है या उससे बात ये सभी आरोप हैं. राजनीति में राजनीतिक दलों के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं. कांग्रेस, भाजपा और आरएसएस के साथ साजिश कर रहे हैं बदनाम करना अन्ना मैं आरएसएस या भाजपा के साथ कुछ नहीं करना है. हजारे ने कहा, ".

ने 10 अक्टूबर हजारे को पत्र में प्रधानमंत्री ने सरकार के एक मजबूत लोकपाल के लिए अपनी प्रतिबद्धता की घोषणा की थी, जबकि कह रही है कि चुनावी कानून में प्रावधान 'अस्वीकार करने का अधिकार' के लिए अपनी मांग राजनीतिक सहमति की जरूरत है.

हजारे कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का दावा है कि वह राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में किया जा रहा था 2012 में सेट के प्रकाश बनाया.

"मैं न तो योग्यता और न ही राष्ट्रपति बनने की इच्छा किसी भी मामले में, अगर मैं राष्ट्रपति बन मैं मैं समाज के लिए क्या किया गया है अब कर में सक्षम नहीं हो जाएगा."

उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा अंधेरे में ऐसी अफवाहें फैलाने से शूटिंग कर रहे थे.

हजारे से इनकार किया कि वह आरएसएस से कोई पत्र नहीं मिला था. , मैं भी राम माधव पहचान नहीं है, "उन्होंने कहा जब उनसे पूछा गया क्यों आरएसएस नेता मंच पर जंतर मंतर आंदोलन के दौरान की अनुमति दी गई थी.

उन्होंने कहा कि वह भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी भाजपा के समर्थन के लिए धन्यवाद दिया कभी नहीं था."यदि मेरी टीम से किसी था, मैं नहीं कह सकता"

अन्ना टीम के सदस्यों को पूछने के लिए अपने संक्षिप्त से अधिक नहीं

टीम अन्ना सदस्य प्रशांत भूषण प्रतिघात में हजारे ने कहा कि वह पूरी तरह से खुद को कश्मीर पर अपनी टिप्पणी के साथ disassociated है.

"मैं किसी को भी, जो देश के विभाजन के बारे में वार्ता के खिलाफ हूँ, मैं बहुत भूषण क्या कहा है के साथ असहज महसूस कर रहा हूँ.

हमारा मुख्य समिति उसकी एक टीम के सदस्य के रूप में जारी रखने पर फैसला करने के लिए पूरा करेगा. के बाद यह मिलता है. मैं एक निर्णय ले जाएगा. "

हजारे ने यह भी कहा कि अरविंद केजरीवाल कह रही है कि अन्ना हजारे संसद के ऊपर है में गलत था. "अरविंद केजरीवाल ने मुझे नहीं बताया है उसने क्या कहा है है लेकिन अगर वह कहते हैं कि अन्ना संसद के ऊपर है हैं, यह गलत है. लोग संसद ऊपर हैं अन्ना नहीं,."

उन्होंने कहा कि वह अपने सहयोगियों को बताने के लिए अपने संक्षिप्त अधिक नहीं होगा और प्रत्येक और हर मुद्दे पर बात.

भारत की सबसे सस्ती गोली आकाश सुविधाएँ |

वहाँ अफवाहें हैं कि भारत में इस गोली गैजेट के लिए जो जा रहा था थे
से आने के लिए aakash tablet India’s Most affordable Tablet Aakash | Price, Features & Specsभारतीय सरकार, संभावना शायद ही कभी और आ जाएगा कि बस एक और चर्चा उद्योग में अपनी सटीक रिलीज से पहले, लेकिन कपिल सिब्बल मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री हाल किफायती पेश किया था Android के गोली, न केवल सबसे कम कीमत लेकिन भारत में भी पूरी दुनिया भर में बाजार में है कि निश्चित रूप से सत्यापित नहीं किया गया है कीमतों के साथ, कुछ यह घोषणा करने के लिए संभवतः अभी भी $ 35 और कई राज्य यह बंद करने के लिए प्रत्येक डिवाइस के लिए $ 60 पर. जुलाई में, 2010 के शुरुआती मॉडल प्रदर्शित किया गया था और रेखांकित किया, और बयान के एक जोड़े भी आंख भौंक उठाया जब प्रणाली के लिए चीनी उपकरण है, जो $ 100 प्रत्येक में कीमत थी की प्रतिलिपि के रूप में भेजा गया था, लेकिन बाद में कुछ संशोधनों पर साबित किया गया जारी विनिर्देशों.

यह शुरू किया गया था 'साक्षात' के रूप में एचसीएल, जो मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ काम निर्माता किया गया है द्वारा लेबल, लेकिन Datawind पर बाद में उन्हें एक और कंपनी के साथ काम किया और अंत में सबसे सस्ती गूगल android गोली थोड़ी देर पहले अनावरण किया गया था, "आकाश" ब्रांड के साथ. यह कुछ विशेषताएं है कि संभवतः मध्य दूरी की गोली इकाइयों के कई के साथ प्रतिस्पर्धा और सकता है कि वास्तव में आकाश की है कि चार बार के एक मूल्य लेबल के अधिकारी, छात्रों के बीच एक चर्चा बनाने और भी एक बार फिर गोली मालिकों, के रूप में सनक के रूप में जल्द ही कम चला जब एचसीएल कई महीनों के लिए नीचे सब कुछ धीमा रखा था.

निम्नलिखित इस गोली के कई ऐनक हैं:

  • 7 इंच प्रतिरोधक touchscreen प्रदर्शन
  • 256MB रैम और 2GB फ्लैश मेमोरी
  • 800 के स्क्रीन संकल्प x 480 पिक्सल
  • Android 2.2 Froyo ऑपरेटिंग सिस्टम
  • 366 मेगाहर्ट्ज प्रोसेसर
  • कनेक्टिविटी GPRS, WI-Fi एक / ख / छ 802.11
  • 1 यूएसबी 2.0 मानक पोर्ट
  • ऑडियो आउटपुट के लिए 3.5mm हेडसेट जैक
  • पीडीएफ और दस्तावेजों के विभिन्न स्वरूपों के लिए समर्थन के साथ पाठ संपादक व्यूअर
  • हल्के - 350 वजन ग्राम

आकाश गोली में भंडारण हटाने योग्य एसडी मेमोरी कार्ड का उपयोग करके 32GBs तक विस्तार योग्य है, अतिरिक्त यूएसबी का विकल्प जल्दी कनेक्शन के बावजूद तथ्य यह है कि गूगल android ही अपने में एक काफी सभ्य फ़ाइल प्रबंधक प्रदान करता है पीसी बेहतर फाइल प्रबंधन के लिए सक्षम कर सकते हैं प्रणाली. कनेक्टिविटी वास्तव में कम है, फिर भी है कि सिर्फ कम चश्मे के साथ एक आर्थिक गोली से क्या उम्मीद की जा सकती है.

Datawind 100,000 गोलियाँ और इन सभी के लिए उपलब्ध हैं के लिए उत्पादन और आपूर्ति करने में सक्षम होना करने के लिए प्रतिबद्ध है पूर्व आदेश पहले से ही, अभी तक वेबसाइट में एक ही आकाश गोली UBISlate7 के रूप में संदर्भित किया जाता है, और कंपनी राज्यों के रूप में, यह महज एक गोली नहीं है लेकिन यह भी एक सेलफोन सिम कार्ड के रूप में आसानी से फोन कॉल करने में मदद और भी पाठ संदेश, GPRS नेटवर्क के माध्यम से वेब ब्राउज़िंग के साथ संयुक्त भेज डाला जा सकता है.
आदेश की आवश्यकता है कि बहुत उच्च (कम कीमतों के लिए धन्यवाद) होगा साथ सौदा करने के लिए, DataWind ही चौकोर इलेक्ट्रॉनिक्स, एक आकाश गोली के उत्पादन के लिए सिकंदराबाद में केंद्रित व्यापार के साथ चिह्नित किया गया है. यह प्रति दिन 700 उपकरणों का उत्पादन, अपनी पता है - कम दे सकते हैं कैसे गोली विनिर्माण . यहाँ वेबसाइट में प्रदर्शन छवि UBISLATE7 इसी तरह आकाश गोली के लिए प्रदान की शीर्षक के साथ है:


पूर्व पंजीकरण aakashtablet.com संभव है जहाँ आप विवरण दर्ज करें और बस समय के लिए प्रतीक्षा एजेंसी जब आप कॉल करने के लिए अगले कदम के साथ आगे बढ़ना सकता है की आवश्यकता होगी, और शायद ही पंजीकरण या खरीदने के किसी भी अन्य विकल्प है वेब साइट के अलावा अन्य.
इस आकाश गोली की रिहाई के लिए प्राथमिक उद्देश्य के रूप में मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल के अनुसार, ग्रामीण स्थानों और कॉलेज के छात्रों से कनेक्ट हो सकता है, और करने के लिए शिक्षा के मानकों तक बेहतर बनाने में मदद करने के लिए, जिसमें वे एक पूरी बहुत कुछ मिल जाएगा अध्ययन गोली गैजेट, बाजार से भी डाउनलोड क्षुधा और दस्तावेजों के रूप में सुलभ सामग्री के.

यह केवल एक मानक व्यापार किस तरह डिवाइस नहीं हो जाएगा, लेकिन यह सभी विकल्पों और मनोरंजन के लिए विशेषताओं भी बस ऐसे अन्य Android के आधारित गोलियाँ जो मल्टीमीडिया आनंद लेते हैं और उन्हें बचाने के विकल्प की एक किस्म दे के रूप में प्रदान करता है. फ़्लैश भंडारण की बुनियादी 2GB हटाने योग्य एसडी कार्ड द्वारा समर्थित किया जा सकता है भंडारण क्षमता एक अत्यंत 32GB अंतरिक्ष हासिल है.

यह INR 3000 की एक कीमत टैग के साथ आ रहा है और यदि आप एक छात्र हैं आप इसे एमआरपी से कम कीमत के लिए मिल सकता है . करने के लिए सबसे अच्छा तरीका पूर्व आदेश अपने आकाश गोली टोल फ्री ग्राहक देखभाल कोई फोन है. 1800-180-2180-
आप के लिए दिए गए नंबर पर फोन और गोली खरीदने में आपकी रुचि दिखाने की जरूरत है, वे नीचे अपनी जानकारी ले जाएगा.
आकाश गोली के लिए छात्रों को छूट के बारे में भी पूछते हैं, हमें बताया गया है कि छात्रों INR 1700 की एक राशि 1800 के लिए गोली खरीद सकते हैं, लेकिन वे उनके कॉलेज के प्रिंसिपल या विभाग के प्रमुख से संपर्क की जरूरत है. आवेदकों के लिए, यह केवल इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों नहीं है, लेकिन किसी भी कॉलेज के छात्र के छात्र रियायती मूल्य के लिए कंपनी को बोल कर अनुरोध कर सकते हैं. इस प्रकार यदि आप एक छात्र हो जाते हैं, तो आप अपने कॉलेज प्रशासन के साथ संपर्क में पाने के लिए और वे निश्चित रूप से अगले कदम के साथ आगे बढ़ना होगा.

आप अपने समीक्षाएँ यदि आप इस गोली खरीदा है यहाँ दे सकते हैं. इसके अलावा किसी के बारे में प्रश्नों टैब यहाँ जवाब दिया जाएगा.

Tuesday 27 September 2011

फाजिल्का की 27 कॉलोनियां अवैध घोषित

आरटीआई के तहत कालोनियों की स्वीकृति संबंधी मांगी गई जानकारी के तहत बठिंडा डेवलपमेंट अथॉरिटी बठिंडा ने फाजिल्का की 27 कॉलोनियों को अवैध घोषित कर दिया। इस खुलासे से कालोनियां काटने वाले व इन कालोनियों में प्लाट खरीदने वालों में हड़कम्प मच गया है। इस खुलासे के बाद इन कालोनियों को काटने वालों के विरुद्ध बीडीए ने मामला दर्ज करने के लिए शिकायत कर दी है।
कैसे हुआ खुलासा
खटीक मोहल्ला के आरटीआई कार्यकर्ता अमरनाथ चेतीवाल ने आरटीआई एक्ट के तहत बठिंडा डेवलपमेंट अथॉरिटी से फाजिल्का व इसके अधीन पड़ते क्षेत्रों में काटी गई कालोनियां संबंधी जानकारी मांगी थी। इस सूचना के तहत जानकारी दी गई कि फाजिल्का व इसके साथ लगते ग्रामीण क्षेत्र में काटी गई 27 कालोनियां अनधिकृत हैं। बीडीए द्वारा इन 27 कालोनियों को काटने वाले संचालकों के नामों का भी खुलासा किया गया है। इन अवैध कालोनी काटने वालों में भाजपा के पूर्व मंडलाध्यक्ष की पत्नी व एक वरिष्ठ अध्यापक का नाम भी शामिल है। सबसे अधिक अवैध कॉलोनियां गांव पैंचांवाली व रामपुरा की हद में काटी गई हैं।
कॉलोनी काटने के लिए शर्तें
कोई भी कालोनी से काटने से पहले कुछ नियम होते हैं जिन्हें पूरा करना होता है। सिविल इंजीनियर नवदीप असीजा के अनुसार कालोनी काटने से पूर्व रहने वाले लोगों के लिए पीने के पानी, पानी की निकासी, गलियां, नालियां, सीवरेज व पार्क का प्रबंध होना चाहिए। इसके अलावा कालोनी काटने से पूर्व कालोनी काटे जाने वाले स्थान के बारे में पुडा व अन्य संबंधित विभाग को लिखित रूप से बताना होता है, लेकिन इसके विपरीत बीडीए द्वारा अवैध घोषित की गई कालोनियों को काटते हुए इनमें से किसी भी शर्त को पूरा नहीं किया गया है।
प्रदेश सूचना आयुक्त सख्त
इन अवैध कालोनियां काटने वालों के विरुद्ध कार्रवाई संबंधी प्रदेश सूचना आयुक्त ने कड़ा रुख अपना लिया है और पीपीएस गिल व बीसी नामक दो वरिष्ठ अधिकारियों पर आधारित डिवीजन बैंच गठित कर दिया गया है। आरटीआई कार्यकर्ता चेतीवाल ने बताया कि उन्हें डिवीजन बैंच के दोनों अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिए 27 सितम्बर को फिरोजपुर के जिला उपायुक्त कार्यालय में बुलाया गया है। (लछमण/पवन )

अज्ञात नंबर से मिस कॉल पर कॉल मत करें


फाजिल्का त्न अगर आप के मोबाइल पर अज्ञात मिस कॉल आए तो उसे कॉल बैक मत करना। नहीं तो आपके मोबाइल से बैलेंस सैकंडों में उड़ सकता है। फाजिल्का जिला में तो बीएसएनएल के कई उपभोक्ता अपना बैलेंस गंवा चुके हैं और लगातार उन्हें चूना लग रहा है। इस बारे में भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के उपभोक्ता अविनाश चंद पुत्र खुशहाल चंद ने विभाग व पुलिस से शिकायत की है। इसमें उसने बताया कि उसके मोबाइल नंबर 96092-78553 से आने वाली मिस कॉल काफी परेशान करती है। शुक्रवार को भी जब मिस कॉल आई तो उसने अपना परिचित समझकर कॉल बैक किया। उसकी 20 सेकंड बात हुई और जवाब में बताया गया कि सिम कार्ड प्राप्त करते समय आपने आईडी नहीं दी। जब बैलेंस चेक किया तो उसे 30 रुपए का चूना लग चुका था। इस बारे में उन्होंने एसएसपी फाजिल्का और क्राइम ब्रांच को भी शिकायत की है। उन्होंने कहा कि उसे 96098-95171, 96098-95018, 96098-95225 नंबरों से भी मिस कॉल आ रही हैं। इससे वह काफी परेशान हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर न्याय नहीं मिला तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
अधिकारियों को लिखा
इस बारे में बीएसएनएल के जिला शिकायत निवारण कमेटी के सदस्य लीलाधर शर्मा ने बताया कि उन्हें पहले भी कई ऐसी शिकायतें आ चुकी है और वह इस मामले का बैठक में उठा चुके हैं। इसके अलावा शिकायतें अधिकारियों से भी कर चुके हैं। बीएसएनएल के अधिकारी कीर्ति मित्तल के मुताबिक विभाग भी इन मिस कॉलों से परेशान है। इस बारे में पहले भी कई शिकायतें आ चुकी है। उन्होंने कहा कि 960 वाली मिस कॉल पर कॉल बैक न करें।

Monday 19 September 2011

पानी बचाने के लिए करेंगे जागरूक

फाजिल्का&सोशल वेलफेयर सोसायटी ने शहरी क्षेत्र में पानी बचाने के प्रति गंभीर व सार्थक प्रयास करने के बाद अब ग्रामीण क्षेत्र में भी पानी बचाने के प्रति जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है। इस क्रम में गांव आवा में अध्यक्ष राज किशोर कालड़ा व प्रकल्प चेयरमैन एडवोकेट संजीव बांसल मार्शल की अध्यक्षता में प्रभातफेरी निकाली गई। सोसायटी सदस्यों ने विभिन्न गांवों की गलियों में घूम कर ग्रामीणों को पानी बचाने का संदेश दिया। पार्षद डा. रमेश वर्मा ने कहा कि इलाके की अन्य संस्थाओं को भी इस प्रोजेक्ट के साथ जुडऩा चाहिए। एडवोकेट मार्शल ने कहा कि सोसायटी द्वारा अब उपमंडल के सभी गांवों में प्रभातफेरियां निकाल पानी बचाने के प्रति जागरूकता पैदा की जाएगी। अजय ठकराल ने कहा कि इंसान प्रकृति से छेड़छाड़ करना छोड़, पानी को बचाने का प्रयास करे। संदीप अनेजा व काली ठकराल ने कहा कि अगर धरती पर पानी न रहा तो मानव का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। रिटायर्ड एसडीओ सर्बजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि भूजल स्तर नीचे गिरने के लिए इंसान जिम्मेवार है। रिटायर्ड एसडीओ बाबू लाल अरोड़ा ने ग्रामीणों को नशे से दूर रहने, पानी बचाने व कन्या भू्रण हत्या के प्रति जागरूक किया। डा. सुभाष मदान ने कहा कि पानी अमूल्य है और इसका सबको महत्व जानना चाहिए। राकेश गिल्होत्रा ने कहा कि स्कूल प्रबंधन भी अपने स्तर पर विद्यार्थियों को पानी बचाने के प्रति जागरूक करे। अगली प्रभातफेरी आवा कॉलोनी में निकाली जाएगी। (लछमण)

गांवों में फिर घुसा सतलुज का पानी, सेना तैनात

फाजिल्का त्न भारत पाक सरहद के निकट स्थित सतलुज दरिया का जलस्तर एक बार फिर बढ़ गया है। जिस कारण गांव रेतेवाली ढाणी की ढाणी सदा सिंह के ग्रामीण फिर पानी में घिर गए। उधर दरिया के डिफेंस बांधों की मजबूती के लिए सेना के जवानों ने शनिवार को आरडी-27 व दोना सिकंदरी बांध को मजबूत करने का कार्य किया, मगर पानी के तेज बहाव के कारण जवानों को बांधों की मजबूती में काफी दिक्कतें पेश आ रही हैं। याद रहे दोना सिकंदरी बांध 29 अगस्त व आरडी-17 बांध 1 सितंबर को टूट गया था। दरिया पर डिफेंस की निगरानी के लिए भी सेना तैनात कर दी गई है। शुक्रवार को दरिया के एक मात्र पुल कावांवाली पत्तन के साथ पानी टकरा गया है। एडीसी चरन देव सिंह मान ने बताया कि हरिके हैड से 36500 क्यूसिक पानी छोड़ा गया है। लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है।
फाजिल्का में 78 मकान गिरे : शुक्रवार तक जारी बारिश के पानी से शनिवार को सरहदी गांवों व फाजिल्का के निकट कुछ गांवों में 78 मकान गिरे हैं। भारत के अंतिम छोर पर बसे गांव गुलाबा भैणी में 23 मकान गिरे हैं। रूलिया सिंह, बलबीर सिंह, चन्नण सिंह, महेंद्र सिंह, जोगिंद्र सिंह, हरदित्त सिंह, धर्म सिंह, मंगत सिंह ने बताया कि वह मजदूरी कर अपना पेट पालते हैं, लेकिन शुक्रवार व शनिवार को मकान गिरने से वह खुले आसमान तले आ गए हैं। गांव रेतेवाली भैणी में 6, झंगड़ भैणी में 9, दोना नानका में 5, तेजा रूहेला में 7, रेते वाली भैणी में 5, खरास वाली ढाणी में 13 और जोड़की कंकर वाली में 8 मकान गिरे हैं। गांव सजराना में खूईखेड़ा ड्रेन के ओवरफ्लो हो गई है। इससे करीब 1000 एकड़ फसल डूब गई।(लछमण)बारिश से दुकान की छत गिरी, नगर परिषद अध्यक्ष ने लिया जायजा

अबोहर त्न नगर परिषद के मुख्य द्वार के बाहर स्थित एक सब्जी एवं फ्रूट की दुकान की छत शनिवार सुबह अचानक धराशायी हो गई। दुकान में बैठा संचालक मलबे की चपेट में आने से घायल हो गया। पता चलने पर नगर परिषद अध्यक्ष शिवराज गोयल ने स्थिति का जायजा लिया। घायल फतेह चंद ने बताया कि वह शनिवार सुबह दुकान पर बैठा हुआ था कि अचानक दुकान की छत गिर पड़ी और वह मलबे की चपेट में आकर घायल हो गया। आसपास के लोगों ने निजी अस्पताल में उसका प्राथमिक उपचार करवाया। शिवराज गोयल द्वारा घायल का हालचाल पूछा गया और दुकान संचालक को एक बार किसी अन्य स्थान पर अपना सामान रखने के लिए कहा। उनके साथ टीटू छाबड़ा भी मौजूद थे। बारिश से कमरा गिरा
जलालाबाद त्न गांव फलियांवाला में एक गरीब परिवार मक्खन सिंह का कच्चा कमरा बारिश के कारण गिर गया। जिससे वह अब खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है। पीडि़त मक्खन सिंह पुत्र हाकम सिंह ने बताया कि शुक्रवार को हुई बारिश से एक कमरा जिसमें वह रहते थे शनिवार सुबह गिर गया है मगर वह बाल बाल बच गए। पीडि़त परिवार ने सरकार से मांग की कि इंदिरा आवास योजना के तहत एक पक्का मकान बनवा कर दिया जाए। (राजीव) छत गिरी, युवक गंभीर रूप से घायल
अबोहर त्न बारिश के कारण शनिवार देर शाम अजीमगढ़ में एक कमरे की छत गिरने से मलबे के नीच दबने से एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल कमलदीप के परिजनों ने बताया कि वह अपने घर के कमरे में बैठा था। अचानक कमरे की छत नीचे आ गिरी, जिससे वह मलबे के नीचे दब गया। शोर मचाने पर आसपास के लोग एकत्रित हो गए। उन्होंने उसे बाहर निकाला और अस्पताल भर्ती कराया। हादसे में उसकी दोनों टांगों पर काफी चोटें आई हैं, जबकि सामान तहस-नहस हो गया। (राजिंदर)

District Fazilka Ki intelligence - Growing fAzilka with burning lights in morning too

Saturday 3 September 2011

फाजिल्का में यूआईडी कार्ड बनाने का कार्य

फाजिल्का .भारत सरकार की तरफ से आम आदमी की पहचान को एक व्यापक रूप देने के लिए आधार यूआईडी के तहत विशेष प्रकार के पहचान पत्र बनाने के वार्ड स्तर पर शुरू किए गए कार्यक्रम के तहत बुधवार को वार्ड नंबर 6, 8, 10 व 13 में यूआईडी कार्ड बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया। वार्ड नंबर 6 में लगने वाले शिविर का शुभारंभ पार्षद डा. रमेश वर्मा, वार्ड नंबर 8 में पार्षद अरुण वधवा, वार्ड नंबर 10 में पार्षद रविंद्र भठेजा व वार्ड नंबर 13 में नगर परिषद अध्यक्ष अनिल कुमार सेठी ने किया। सेठी ने कहा कि इस विशेष पहचान पत्र का बहुत महत्व है और इस कार्ड को प्रत्येक व्यक्ति को बनवाना चाहिए। सेठी ने बताया कि नगर में चल रहे शिविरों में यूआईडी कार्ड प्रतिदिन सुबह 8.30 से शाम 5.30 बजे तक बनाए जाएंगे। इस कार्ड को बनवाने के लिए रसोई गैस कार्ड की कॉपी तथा पहचान के रूप में राशन कार्ड, वोटर कार्ड, पासपोर्ट अथवा किसी बैंक में खाते की कॉपी की प्रति लगाई जा सकती है
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प्रशासन के साथ अन्य संगठन भी जुटे राहत कार्य में

बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को निकालने आए एनडीआरएफ के जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए डीसी बसंत गर्ग, एडीसी चरन देव सिंह मान, एनडीआरएफ के कमांडेंट आरके वर्मा भी मौके पर पहुंचे। फोर्स के 21 जवानों सहित इंस्पेक्टर यशपाल व सब इंस्पेक्टर सुनील खुन्नू के नेतृत्व में माल विभाग के रैप रेशम लाल छाबड़ा, फोर्स के राजपाल सिंह और बृज मोहन आदि ने बाढग़्रस्त ग्रामीणों की सहायता की। इसके अलावा धार्मिक और राजनीतिक संगठन भी लोगों की सहायता में लगे हुए हैं।
सच्चा सौदा मिशन ने शुरू किए राहत शिविर : बाढ़ में घिरे ग्रामीणों की सहायता के लिए डेरा सच्चा सौदा मिशन की ओर से गांव झंगड़ भैणी में स्थायी राहत शिविर शुरू कर दिया गया है। राहत के लिए बुधवार को गांव रेते वाली भैणी, गुलाबा भैणी, राम सिंह वाली भैणी और आसपास की ढाणियों के ग्रामीणों को लंगर व मवेशियों के लिए हरा चारा वितरित किया गया। इसके अलावा सेवादारों की ओर से गांव को पानी से बचाने के लिए बांध बनाने का कार्य भी जारी रहा। ब्लाक कांग्रेस कमेटी शहरी और देहाती द्वारा पूर्व विधायक डॉक्टर महेंद्र रिणवां ने नेतृत्व में बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों के मवेशियों के लिए हरा चारा नई अनाज मंडी से रवाना किया। इस अवसर पर यूथ कांग्रेसी नेता सिद्धार्थ रिणवां, देहाती अध्यक्ष देस राज जंडवालिया, शहरी अध्यक्ष सुरिंदर कालड़ा, रोहित रिणवां, गोपी राम पूर्व सरपंच, संदीप धूडिय़ा, हरमिंद्र सिंह दुरेजा, अशोक वाट्स, बाऊ राम पार्षद, डॉक्टर केके सेठी महासचिव, योगेश शर्मा, रिंपल धमीजा, शैंक पांडे, योगराज, अशोक सोनी, काली चौधरी, कुनाल, करण, अशोक नागवंशी, प्रिंस, कृष्ण आदि हाजिर थे। डॉक्टर रिणवां ने प्रभावित गांवों में लोगों को बांध की सुरक्षा के लिए डीजल भी मुहैया करवाया।
सड़क के साथ बने गड्ढे : गांव धरमू वाला, सुखेरा बोदला, फत्तूवाला और लाधूवाला की रेत खदानों में गहरे गड्ढ़े पड़ गए है। मंगलवार रात आई बरसात से खदानों से निकट से गुजरना मुश्किल हो गया है। गुरदीप सिंह, खुशियां बाई, बूढ़ सिंह, जोगिन्द्र सिंह, कुलदीप सिंह, सुनील कुमार और मुंशी राम ने बारिश से बर्बाद हुई फसलों का मुआवजे की मांग की।
डीसी ने संस्थाओं से की बैठक
बाढ़ पीडि़तों की सहायता के लिए आज डीसी बसंत गर्ग व एडीसी चरन देव सिंह मान ने समाजसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों से बैठक की। इस मौके पर उन्होंने बाढ़ पीडि़तों की सहायता की लिए आगे आने की अपील की। मौके पर अर्जुन देव, अश्वनी कुमार, जतिंदर सिंह, सुभाष चंद्र, नत्थू राम, शाम लाल, अशोक कुमार, विनीत कुमार, सुरिंदर कुमार आदि मौजूद थे।
40 गांवों के लोग अभी नहीं जुड़ पाए एक-दूसरे से
मंडी लाधुका के निकट ड्रेन का पुल को जोडऩे के लिए ठेकेदारों की ओर से आज तीसरे दिन भी कोई प्रयास नहीं किया। जिस कारण 40 गांवों के लोग शहरों से टूटे रहे। रंगीला गांव के पूर्व सरपंच कर्म सिंह, ज्ञान सिंह, एससी बीसी कर्जामुक्ति संघर्ष समिति के प्रदेश महासचिव भगवान दास इटकान, मास्टर हंस राज और गुरपिंद्र सिंह आदि ने प्रशासन से संपर्क जुडऩे तक कश्ती की मांग की है

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ट्यूबों की कश्ती ही 40 गांवों का सहारा

सतलुज दरिया के जलस्तर में दो-तीन से गिरावट दर्ज की जा रही है, लेकिन पाकिस्तान का बूढ़ा दरिया अभी भी तबाही का कारण बना हुआ है। इसी बाढ़ के चलते लाधुका डे्रन का पुल टूटने के बाद 40 गांवों के लिए ट्यूबों की कश्ती ही सहारा है। क्षेत्र की समाजसेवी संस्थाएं, राजनेता और धार्मिक संगठन बाढ़ पीडि़त लोगों को राहत पहुंचाने में लगे हैं। शुक्रवार को डीसी, एडीसी और दूसरे विभागों के अधिकारियों ने भी प्रभावित लोगों की समस्याएं जानी।
बाढग़्रस्त गांवों गांव तेजा रूहेला, गुलाबा भैणी, झंगड़ भैणी, महातम नगर, गट्टी नंबर एक दौरे के अलावा डीसी डॉक्टर बसंत गर्ग ने राहत शिविरों का निरीक्षण भी किया और खाद्य पदार्थों, मेडिकल सुविधाएं व पशुओं के तूड़ी व हरे चारे की जानकारी ली। इसके अलावा बीएसएफ की बीपीओ जीजी वन पर 51 बटालियन के इंस्पेक्टर हवा सिंह से बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली। डीसी ने बताया कि प्रभावित फसलों की गिरदावरी के बाद मुआवजा दिया जाएगा। इस मौके पर एडीसी चरन देव सिंह मान, सीतो गुन्नो के नायब तहसीलदार जगमेल सिंह, एसडीओ मंडीकरण बोर्ड गुरमीत सिंह, तेजा रूहेला में पंच बलविंद्र सिंह, शैल सिंह, जगतार सिंह, रेशम सिंह, देस सिंह, जोगिंद्र सिंह आदि मौजूद थे।

 

 

 
 
 

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Tuesday 30 August 2011

यह दुनिया तुम्हारे हाथों पर टिकी है, गाय, बैल की सिंगों पर नहीं

‘वरिष्ठ लेखक व साहित्यकार शंकर पुणताम्बेकर की एक लघु कथा हैं- ‘नाव चली जा रही थी। मझदार में नाविक ने कहा- नाव में बोझ ज्यादा है। कोई एक आदमी कम हो जाए तो अच्छा। नहीं तो नाव डूब जाएगी। अब कम हो जाए तो कौन हो जाए, कई लोग तो तैरना नहीं जानते थे। जो जानते थे। उसके लिए भी परले जाना खेल नहीं था। नाव में सभी प्रकार के लोग थे। डाक्टर, अफसर, वकील, व्यापारी, उद्योगपति, पुजारी, नेता के अलावा एक आम आदमी भी। डाक्टर, वकील, व्यापारी ये सभी चाहते थे कि आम आदमी पानी में कूद जाए। वह तैरकर पार जा सकता है, हम नहीं। उन्होंने आम आदमी से कूद जाने को कहा, तो उसने मना कर दिया।

बोला मैं जब डूबने को हो जाता हूं तो आप में से कौन मेरी मदद को दौड़ता है, जो मैं आपकी बात मानूं। जब आम आदमी काफी मनाने के बाद भी नहीं माना तो ये लोग नेता के पास गए, जो इन सबसे अलग एक तरफ बैठा हुआ था। इन्होंने सब-कुछ नेता को सुनाने के बाद कहा-आम आदमी हमारी बात नहीं मानेगा तो हम उसे पकड़कर नदी में फेंक देंगे। नेता ने कहा, नहीं-नहीं, ऐसा करना भारी भूल होगी। आम आदमी के साथ अन्याय होगा। मै देखता हूं उसे। मैं भाषण देता हूं। तुम लोग भी उसके साथ सुनो। नेता ने जोशीला भाषण आरम्भ किया जिसमें राष्ट्र, देश, इतिहास, परम्परा की गाथा गाते हुए देश के लिए बलि चढ़ जाने के आह्वान में हाथ ऊंचा कर कहा, हम मर मिटेंगे लेकिन अपनी नैया नहीं डूबने देंगे, नहीं डूबने देंगे, नहीं डूबने देंगे। सुनकर आम आदमी इतना जोश में आया कि वह नदी में कूद पड़ा और, नाव डूबने से बच गई।’

यह कथा आज के संदर्भ में आम आदमी की करूण गाथा को चित्रित करती है। ऐसी ही तस्वीर आज कुछ हमारे देश की भी है। वह बचना चाहता है तो लोग उसे डुबाना चाहते हैं। आज आम आदमी की बात सभी करते हैं। नेता, मीडिया, व्यापारी सभी। आम आदमी न हो तो देश का काम ही नहीं चल सकता। आम आदमी के हित के बारे में सभी सोचते हैं। वह आम आदमी ही है जो देश की सरकार बनाता है, सरकार गिराता है। वही है जो फैक्ट्रियों में हाड़-तोड़ मेहनत करता है। वह भी है जो खेतों में अनाज पैदा करता है और देश के और लोगों को खिलाने के लिए अपनी उपज मंडियों में दे आता है। आम आदमी की महत्ता के बारे में सोचा जाए तो कोई भी ऐसा काम नहीं है जो बिना उसके संपन्न हो सके। आम आदमी न हो तो रईशों की रईशी रह सकती है, न अमीरों की अमीरी, न ही चल सकती है नेताओं की राजनीति। यानी कि देश का सब कुछ यदि ठीक-ठाक चल रहा है तो आम आदमी के मजबूत कंधों पर।

आम आदमी ही है जो सभी को शांति प्रदान करता है। वह तमाम समस्याओं की जड़ भी है और समाधान भी लेकिन इस आम आदमी की सच्ची तस्वीर कोई देखना ही नहीं चाहता। सत्ता के गलियारों में आम आदमी की खूब चर्चा होती है। सरकारों की तमाम योजनाएं आम आदमी के लिए बनती हैं। देश का बजट तैयार होता है तो उसमें सबसे ज्यादा यदि किसी का ध्यान रखा जाता है तो वह आम आदमी ही है। बजट ही उसके लिए बनता है। आम आदमी आज सबकी दुकानदारी चला रहा है। सबका टारगेट आम आदमी है, फिर भी वह किसी के टारगेट पर नहीं है। वह हर जगह छला जा रहा है। आम आदमी के मेहनती हाथों पर ही यह दुनिया टिकी हुई है।

तुर्की के प्रसिद्ध कवि नाजिम हिकमत की आम जनता को संबोधित एक कविता है- तुम्हारे हाथ और उनके झूठ। जिसमें कहा गया है कि यह दुनिया तुम्हारे हाथों पर टिकी है, गाय, बैल की सिंगों पर नहीं। इस संवेदनशील जनवादी कविता में आम आदमी की आशा और आकांक्षाओं को उसके श्रमिक हाथों की बुनियाद पर उकेरा गया है। इसी तरह मुंशी प्रेमचंद के घीसू और माधव तथा होरी के जिंदगी में आजादी के लंबे अर्से बाद भी सवेरा कहां आ पाया है। आम आदमी के प्रति संवेदनहीनता कम होने के बजाए बढ़ती ही जा रही है। आज जिनके कंधों पर यह जिम्मेदारी है, वे ही गैर जिम्मेदारी निभाते हुए जिम्मेदारी का आवरण ओढ़े सुख भोगते फिर रहे हैं। राजनीति में अनेक विसंगतियां दिखाई देती हैं। आम आदमी की बात करने वाले नेता उससे इतनी दूरी बनाकर रखते हैं, जहां से वह दिखाई तो देता है लेकिन उसकी आवाज वहां तक नहीं पहुंचती। इसके लिए अब मध्यस्थ की जरूरत पड़ने लगी है। इस मध्यस्थता ने ही आम आदमी को सबसे ज्यादा छला है। आम आदमी की बात करने वाले नेता के सामने ही उसके हितों की बलि चढ़ाई जा रही है। नाव से कूद जाने की परिस्थितियां उत्पन्न की जा रही हैं।

आम आदमी के लिए जिस आदर्श की बात की जाती है, वे आदर्श ही खोखले और अनैतिक नजर आते हैं। ऐसे में उसके सामने समाज और देश की कैसी तस्वीर उभर सकती है। भरोसा यह है कि वही इन परिस्थितियों से उबारने में सक्षम है लेकिन वह विवश है गहरे पानी में कूद जाने को। देखा जाए तो आज जो कुछ चल रहा है, उसके पीछे आम आदमी की ताकत ही है। अस्पताल, कालेज, मंड़ी सब कुछ। भ्रष्टाचार, आतंक, गरीबी, भुखमरी जैसे अनेक थपेड़े उस पर रोज पड़ रहे हैं। आज वह इनसे खुद को टूटा हुआ महसूस करने लगा है इसी बीच एक आवाज आती है अन्ना हजारे की। उस आवाज में आम आदमी को अपनी आवाज सुनाई देती है तो वह उस आवाज में अपनी आवाज मिलाने बैठ जाता है। यह तारतम्य कब तक बना रहेगा, उसे भी नहीं पता।

बात मीडिया की करते हैं तो आम आदमी वहां भी छला जाता दिखाई देता है। वहां पहले भी आम आदमी की बात की जाती थी और आज भी। बस उसका नजरिया बदल गया है। जबसे मीडिया का नजरिया बदला है, तबसे आम आदमी भी उसे दूसरी नजर से देखने लगा है। अब मीडिया आम आदमी को एक बाजार के रूप में देखने लगा है। यह आम आदमी का अधुनातन रूप है। वह आज एक सवाल बन गया है। ऐसा सवाल जिसका हल भी वह खुद है। आम आदमी तो अर्से से नैया न डूबने देने की कोशिश में अपने को कुर्बान करता आ रहा है लेकिन जो समर्थ और खास लोग हैं, वे उस कुर्बानी को भी स्वा

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Tuesday 23 August 2011

अन्‍ना के अनशन को देख रामदेव को याद आये अपने घाव (ANKUR SHARMA)

समाजसेवी और गांधीवादी अन्‍ना हजारे के आंदोलन में समर्थकों का सैलाब देखकर योग गुरु बाबा रामदेव को अपने अनशन की याद आ गई। बाबा रामदेव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके अनशन के समय सरकार ने आंसू गैस के गोले और लाठियां बरपायी थी। बाबा रामदेव ने कहा कि यह सारी चीजें सरकार पर निर्भर है मगर उन सबके बाद भी बाबा रामदेव अन्‍ना हजारे के साथ है
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Sunday 21 August 2011

अण्णा ने जगाई राष्ट्रभक्ति की अलख (Ankur Sharma)

 (लिमटी खरे)
इस साल तो गजब ही हो गया। स्वाधीनता दिवस बीत गया और आज भी राष्ट्र भक्ति के गीतों का जादू सर चढ़कर बोल रहा है। वरना गणतंत्र दिवस, स्वाधीनता दिवस और गांधी जयंती पर ही सुनाई देते रहे हैं देशप्रेम के गाने। किशन बाबू राव का शुक्रिया अदा किया जाना चाहिए कम से कम उन्होंने आजादी के मतवालों को भूल चुकी इक्कीसवीं सदी की युवा पीढी को उससे रूबरू करवाने का प्रयास तो किया। आज रामलीला मैदान में देश प्रेम के गाने गूंज रहे हैं, जो पंद्रह दिनों तक लगातार बजने की उम्मीद है। युवाओं को सड़कों पर आते देख राजनैतिक दलों की घिघ्घी सी बंधी दिख रही है। सभी इस वोट बैंक को हथियाने पर आमदा दिख रहा है। देश प्रेम के इंजेक्शन अगर इसी तरह से लगते रहे तो इक्कीसवीं सदी में भारत की तस्वीर कुछ और ही नजर आएगी। गांधीवादी अण्णा के पहनावे को देखकर लगता है मानो इक्कीसवीं सदी में भारत को नई राह दिखाने वाला गांधी मिल गया है। फर्क महज इतना ही है कि उस वक्त महात्मा गांधी ने गोरे ब्रितानी विदेशियों के खिलाफ जेहाद छेड़ी थी, पर आज अण्णा की जेहाद अपनों से है।

लगभग दो दशकों से देश प्रेम और राष्ट्रभक्ति के मायने 15 अगस्त, 26 जनवरी और गांधी जयंती में तब्दील हो गए थे। देशवासी इन तीन दिनों में ही देश प्रेम की बात करते नजर आते। सूरज के सर पर आते ही देश भक्ति के गानों का स्थान पॉप साग्स ले लिया करते। लगभग दो दशकों बाद यह मौका नजर आ रहा है कि पंद्रह अगस्त बीतने के बाद भी लगातार ही देश भक्ति की अलख जगी हुई है। इसका श्रेय जाते है गांधीवादी विचारधारा के सच्चे अनुयायी किशन बाबूराव यानी अण्णा हजारे को। अण्णा ने अपने अंिहसक तरीके से देश को एक सूत्र में पिरो दिया है।

कितने जतन के बाद भारत देश में 15 अगस्त 1947 को आजादी का सूर्योदय हुआ था। देश को आजाद कराने, न जाने कितने मतवालों ने घरों घर जाकर देश प्रेम का जज्बा जगाया था। सब कुछ अब बीते जमाने की बातें होती जा रहीं हैं। आजादी के लिए जिम्मेदार देश देश के हर शहीद और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की कुर्बानियां अब जिन किताबों में दर्ज हैं, वे कहीं पडी धूल खा रही हैं। विडम्बना तो देखिए आज देशप्रेम के ओतप्रोत गाने भी बलात अप्रसंगिक बना दिए गए हैं। महान विभूतियों के छायाचित्रों का स्थान सचिन तेंदुलकर, अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार जैसे आईकान्स ने ले लिया है। देश प्रेम के गाने महज 15 अगस्त, 26 जनवरी और गांधी जयंती पर ही दिन भर और शहीद दिवस पर आधे दिन सुनने को मिला करते हैं।

गौरतलब होगा कि आजादी के पहले देशप्रेम के जज्बे को गानों में लिपिबद्ध कर उन्हें स्वरों में पिरोया गया था। इसके लिए आज की पीढी को हिन्दी सिनेमा का आभारी होना चाहिए, पर वस्तुतः एसा है नहीं। आज की युवा पीढी इस सत्य को नहीं जानती है कि देश प्रेम की भावना को व्यक्त करने वाले फिल्मी गीतों के रचियता एसे दौर से भी गुजरे हैं जब उन्हें ब्रितानी सरकार के कोप का भाजन होना पडा था।

देखा जाए तो देशप्रेम से ओतप्रोत गानों का लेखन 1940 के आसपास ही माना जाता है। उस दौर में बंधन, सिकंदर, किस्मत जैसे दर्जनों चलचित्र बने थे, जिनमें देशभक्ति का जज्बा जगाने वाले गानों को खासा स्थान दिया गया था। मशहूर निदेशक ज्ञान मुखर्जी द्वारा निर्देशित बंधन फिल्म संभवतः पहली फिल्म थी जिसमें देशप्रेम की भावना को रूपहले पर्दे पर व्यक्त किया गया हो। इस फिल्म में जाने माने गीतकार प्रदीप (रामचंद्र द्विवेदी) के द्वारा लिखे गए सारे गाने लोकप्रिय हुए थे। कवि प्रदीप का देशप्रेम के गानों में जो योगदान था, उसे भुलाया नहीं जा सकता है।

इसके एक गीत ‘‘चल चल रे नौजवान‘‘ ने तो धूम मचा दी थी। इसके उपरांत रूपहले पर्दे पर देशप्रेम जगाने का सिलसिला आरंभ हो गया था। 1943 में बनी किस्मत फिल्म के प्रदीप के गीत ‘‘आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकारा है, दूर हटो ए दुनिया वालों हिन्दुस्तान हमारा है‘‘ ने देशवासियों के मानस पटल पर देशप्रेम जबर्दस्त तरीके से जगाया था। लोगों के पागलपन का यह आलम था कि लोग इस फिल्म में यह गीत बारंबार सुनने की फरमाईश किया करते थे।

आलम यह था कि यह गीत फिल्म में दो बार सुनाया जाता था। उधर प्रदीप के क्रांतिकारी विचारों से भयाक्रांत ब्रितानी सरकार ने प्रदीप के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया, जिससे प्रदीप को कुछ दिनों तक भूमिगत तक होना पडा था। पचास से साठ के दशक में आजादी के उपरांत रूपहले पर्दे पर देशप्रेम जमकर बिका। उस वक्त इस तरह के चलचित्र बनाने में किसी को पकडे जाने का डर नहीं था, सो निर्माता निर्देशकों ने इस भावनाओं का जमकर दोहन किया।

दस दौर में फणी मजूमदार, चेतन आनन्द, सोहराब मोदी, ख्वाजा अहमद अब्बास जैसे नामी गिरमी निर्माता निर्देशकों ने आनन्द मठ, लीजर, सिकंदरे आजम, जागृति जैसी फिल्मों का निर्माण किया जिसमें देशप्रेम से भरे गीतों को जबर्दस्त तरीके से उडेला गया था। 1962 में जब भारत और चीन युद्ध अपने चरम पर था, उस समय कवि प्रदीप द्वारा मेजर शैतान सिंह के अदम्य साहस, बहादुरी और बलिदान से प्रभावित हो एक गीत की रचना में व्यस्त थे, उस समय उनका लिखा गीत ‘‘ए मेरे वतन के लोगों, जरा आंख मंे भर लो पानी . . .‘‘ जब संगीतकार ए.रामचंद्रन के निर्देशन में एक प्रोग्राम में स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने सुनाया तो तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू भी अपने आंसू नहीं रोक सके थे।

इसी दौर में बनी हकीकत में कैफी आजमी के गानों ने कमाल कर दिया था। इसके गीत कर चले हम फिदा जाने तन साथियो को आज भी प्रोढ हो चुकी पीढी जब तब गुनगुनाती दिखती है। सत्तर से अस्सी के दशक में प्रेम पुजारी, ललकार, पुकार, देशप्रेमी, कर्मा, हिन्दुस्तान की कसम, वतन के रखवाले, फरिश्ते, प्रेम पुजारी, मेरी आवाज सुनो, क्रांति जैसी फिल्में बनीं जो देशप्रेम पर ही केंदित थीं।

वालीवुड में प्रेम धवन का नाम भी देशप्रेम को जगाने वाले गीतकारों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। उनके लिखे गीत काबुली वाला के ए मेरे प्यारे वतन, शहीद का ए वतन, ए वतन तुझको मेरी कसम, मेरा रंग दे बसंती चोला, हम हिन्दुस्तानी का मशहूर गाना छोडो कल की बातें कल की बात पुरानी, महान गायक मोहम्मद रफी ने देशप्रेम के अनेक गीतों में अपना स्वर दिया है। नया दौर के ये देश है वीर जवानों का, लीडर के वतन पर जो फिदा होगा, अमर वो नौजवां होगा, अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं . . ., आखें का उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता. . ., ललकार का आज गा लो मुस्करा लो, महफिलें सजा लो, देश प्रेमी का आपस में प्रेम करो मेरे देशप्रेमियों, आदि में रफी साहब ने लोगों के मन में आजादी के सही मायने भरने का प्रयास किया था।

गुजरे जमाने के मशहूर अभिनेता मनोज कुमार का नाम आते ही देशप्रेम अपने आप जेहन में आ जाता है। मनोज कुमार को भारत कुमार के नाम से ही पहचाना जाने लगा था। मनोज कुमार की कमोबेश हर फिल्म में देशप्रेम की भावना से ओतप्रोत गाने हुआ करते थे। शहीद, उपकार, पूरब और पश्चिम, क्रांति जैसी फिल्में मनोज कुमार ने ही दी हैं।
अस्सी के दशक के उपरांत रूपहले पर्दे पर शिक्षा प्रद और देशप्रेम की भावनाओं से बनी फिल्मों का बाजार ठंडा होता गया। आज फूहडता और नग्नता प्रधान फिल्में ही वालीवुड की झोली से निकलकर आ रही हैं। आज की युवा पीढी और देशप्रेम या आजादी के मतवालों की प्रासंगिकता पर गहरा कटाक्ष कर बनी थी, लगे रहो मुन्ना भाई, इस फिल्म में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के बजाए शुष्क दिवस (इस दिन शराब बंदी होती है) के रूप में अधिक पहचाना जाता है। विडम्बना यह है कि इसके बावजूद भी न देश की सरकार चेती और न ही प्रदेशों की।

हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं कि भारत सरकार और राज्यों की सरकारें भी आजादी के सही मायनों को आम जनता के मानस पटल से विस्मृत करने के मार्ग प्रशस्त कर रहीं हैं। देशप्रेम के गाने 26 जनवरी, 15 अगस्त के साथ ही 2 अक्टूबर को आधे दिन तक ही बजा करते हैं। कुल मिलाकर आज की युवा पीढी तो यह समझने का प्रयास ही नहीं कर रही है कि आजादी के मायने क्या हैं, दुख का विषय तो यह है कि देश के नीति निर्धारक भी उन्हें याद दिलाने का प्रयास नहीं कर रहे हैं।

आज अण्णा हजारे को सलाम किया जाना चाहिए कि उन्होंने 74 साल की उम्र में वह कर दिखाया जो कोई भी सियासी दल नहीं कर सका। अण्णा के साथ कांधे से कांधा मिलाकर देशवासी चल रहे हैं, उनके निशाने पर है भ्रष्टाचार। सरकार जिस भ्रष्टाचार को समाप्त नहीं कर पा रही है उसे समाप्त करने का बीड़ा उठाया है अण्णा हजारे ने। देश के निर्दयी, नपुंसक, निष्प्रभावी शासकों ने देश की जनता को तहे दिल से लूटा है। अपनी सुख सुविधाओं के लिए तबियत से खजाने को खाली किया है। वहीं दूसरी ओर गांधीवादी अण्णा के पहनावे को देखकर लगता है मानो इक्कीसवीं सदी में भारत को नई राह दिखाने वाला गांधी मिल गया है। फर्क महज इतना ही है कि उस वक्त महात्मा गांधी ने गोरे ब्रितानी विदेशियों के खिलाफ जेहाद छेड़ी थी, पर आज अण्णा की जेहाद अपनों से है।


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Saturday 20 August 2011

फाजिल्का के बढ़ परभावित गावँ खली करने के आदेश

फाजिल्का  के इंडो - पका बोर्डर के गावों बढ़  का खतरा, परशासन ने दिए गावँ खली करने के आदेश,
किश्ती चला  ADC   पहुंचे गावँ में 

अंकुर शर्मा 
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Thursday 18 August 2011

Today Join Manav Ekta Manch In support of Anna Hazare

Today Manav Ekta Manch is Going to do a candle march in support of Anna hazare For lokpal Bill
From-Head Office Near Allahabad Bank Gaushala Road
TO -Roaming Into the Market To Clock Tower
You Are Requested To Join It  If You Are True Indian .....


Monday 15 August 2011

नया जिला बनने से खुश हैं लोग

 हमारे प्रतिनिधि, अबोहर : फाजिल्का के जिला बनने से लोग काफी खुश हैं। लोगों का कहना है कि जिला मुख्यालय की दूरी कम होने से उनको काफी सुविधा मिलेगी। क्योंकि पहले 150 किलोमीटर दूर फिरोजपुर आने-जाने में उनका काफी समय बबार्द हो जाता था।

विभिन्न विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों का कहना है कि उन्हें मीटिंग आदि में भाग लेने के लिए महीने में कई बार फिरोजपुर जाना पड़ता था। इसके लिए सुबह घर से जल्दी निकलना पड़ता था। वापस आते-आते रात हो जाती थी। नाम न छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि उन्हें कई बार जिला हैड क्वार्टर जाने पर किराया आदि भी नहीं मिलता था। रात के समय वापस आने पर टैक्सी करवानी पड़ती थी। जिससे काफी परेशानी होती थी। अब जब जिला मुख्यालय की दूरी मात्र तीस किलोमीटर रह गई है तो उनको काफी राहत मिलेगी।

इसके अलावा फाजिल्का के जिला बनने से स्कूली खिलाड़ी भी खुश हैं। खिलाड़ियों के अनुसार उन्हें जिला स्तर पर खेलने के लिए 150 किलोमीटर दूर फिरोजपुर जाना पड़ता था। अब नया जिला बनने से उनको राहत मिलेगी। प्रिंसिपल सुमित कालड़ा का कहना है कि इतनी दूर जाने से खिलाड़ियों खासकर लड़कियों को परेशानी होती थी। अब नया जिला बनने से खिलाड़ियों को भी राहत मिली है।


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