Tuesday 6 December 2011

फेसबुक को चेतावनी- भारतीयों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ बर्दाश्‍त नहीं...

नई दिल्‍ली. सोशल साइट्स, खास कर फेसबुक पर कंटेंट को लेकर दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्‍बल की आपत्ति की खबरें सामने आने के बाद सरकार ने सफाई दी है। उसका कहना है कि प्रधानमंत्री या कांग्रेस अध्‍यक्ष का नाम नहीं लिया गया था, बल्कि सोशल साइट्स पर देवी-देवताओं के अपमान का मसला उठाया गया था। सरकार इन साइट्स पर लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली टिप्‍पणियों से नाराज है।

सिब्‍बल ने आज नई दिल्‍ली में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि करीब तीन महीने पहले गूगल, याहू, जैसी साइट्स पर ऐसी तस्‍वीरें छपी जो हिंदुस्‍तान के किसी भी व्‍यक्ति को अपमानित करती हैं। ये धार्मिक लोगों की भावनाओं का खिलवाड़ है। सरकार ने इन कंपनियों के प्रतिनिधियों से रास्‍ता निकालने के लिए कहा। फिर 3 अक्‍टूबर को को पहली बार चिट्ठी लिखी गई। 19 अक्‍टूबर को रिमाइंडर भेजा गया लेकिन कोई जवाब नहीं आने पर 4 नवंबर को संचार सचिव ने इन प्रतिनिधियों को बुलाकर आपत्तिजनक तस्‍वीरों के मामले में कार्रवाई करने के लिए फ्रेमवर्क तैयार करने की सलाह दी।

उन्‍होंने कहा, ‘इन साइट्स के प्रतिनिधि हमारी कुछ मांगों पर मौखिक तौर पर राजी भी हुए। फिर सरकार ने 29 नवंबर को सुझाव मांगने के लिए मीटिंग बुलाई। लेकिन पांच दिसंबर को इन कंपनियों ने लिखित तौर पर साफ कर दिया कि वो हमारी बात नहीं मानेंगे।’ उन्‍होंने कहा, ‘देश की संस्‍कृति का सम्‍मान करना चाहिए। लोगों की भावनाओं की कद्र करनी चाहिए। हम इस तरह का अपमान नहीं होने देंगे।’
कपिल सिब्‍बल ने प्रेस कांफ्रेंस में वो आपत्तिजनक तस्‍वीरें भी दिखाईं लेकिन देश की जनता के सामने इसे सार्वजनिक करने से बचते दिखाई दिए। उन्‍होंने कहा कि ऐसी तस्‍वीरों का प्रसारण करने की इजाजत न तो टीवी, प्रिंट या ऑनलाइन मीडिया में है। उन्‍होंने कहा कि सरकार सेंसरशिप में यकीन नहीं रखती है और सोशल मीडिया की आजादी में कोई दखल नहीं दी जाएगी। लेकिन ऐसी आपत्तिजनक तस्‍वीरें प्रसारित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कोई भी संवेदनशील व्‍यक्ति इस मामले की गंभीरता को समझ सकता है।

सिब्‍बल ने मीडिया में आ रही इन खबरों का भी खंडन किया कि सरकार अन्‍ना हजारे के आंदोलन से डरकर सोशल मीडिया पर अंकुश लगाने की तैयारी में है।

अमेरिकी अखबार 'न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स' के मुताबिक केंद्रीय दूरसंचार और मानव संसाधन एवं विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक और याहू के अधिकारियों की एक बैठक बुला कर कहा था कि धर्म से जुड़े लोगों, प्रतीकों के अलावा भारत के प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष जैसी राजनीतिक हस्तियों के खिलाफ अपमानजनक सामग्री की निगरानी करें। सिब्बल ने यह भी कहा कि निगरानी के लिए सिर्फ तकनीक पर निर्भर न रहें बल्कि इसके लिए लोगों को लगाएं (विस्‍तृत खबर रिलेटेड आर्टिकल में पढ़ें।