Monday 15 August 2011

नया जिला बनने से खुश हैं लोग

 हमारे प्रतिनिधि, अबोहर : फाजिल्का के जिला बनने से लोग काफी खुश हैं। लोगों का कहना है कि जिला मुख्यालय की दूरी कम होने से उनको काफी सुविधा मिलेगी। क्योंकि पहले 150 किलोमीटर दूर फिरोजपुर आने-जाने में उनका काफी समय बबार्द हो जाता था।

विभिन्न विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों का कहना है कि उन्हें मीटिंग आदि में भाग लेने के लिए महीने में कई बार फिरोजपुर जाना पड़ता था। इसके लिए सुबह घर से जल्दी निकलना पड़ता था। वापस आते-आते रात हो जाती थी। नाम न छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि उन्हें कई बार जिला हैड क्वार्टर जाने पर किराया आदि भी नहीं मिलता था। रात के समय वापस आने पर टैक्सी करवानी पड़ती थी। जिससे काफी परेशानी होती थी। अब जब जिला मुख्यालय की दूरी मात्र तीस किलोमीटर रह गई है तो उनको काफी राहत मिलेगी।

इसके अलावा फाजिल्का के जिला बनने से स्कूली खिलाड़ी भी खुश हैं। खिलाड़ियों के अनुसार उन्हें जिला स्तर पर खेलने के लिए 150 किलोमीटर दूर फिरोजपुर जाना पड़ता था। अब नया जिला बनने से उनको राहत मिलेगी। प्रिंसिपल सुमित कालड़ा का कहना है कि इतनी दूर जाने से खिलाड़ियों खासकर लड़कियों को परेशानी होती थी। अब नया जिला बनने से खिलाड़ियों को भी राहत मिली है।


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अब भारत-पाक बार्डर खुलवाना मिशन : ज्याणी

जासं, फाजिल्का

परिवहन, तकनीकी शिक्षा व औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री एवं स्थानीय विधायक सुरजीत कुमार ज्याणी ने कहा कि उन्होंने चुनाव से पहले किए अपने सारे वादे पूरे कर दिए हैं, यहां तक कि फाजिल्का को जिला बनाने का वादा भी पूरा हो गया है। अब इस इलाके की उन्नति के लिए जरूरी भारत-पाकिस्तान बार्डर व्यापार के लिए खुलवाने की दशकों पुरानी मांग वह राज्य में गठबंधन के साथ केंद्र में एनडीए सरकार आने पर हर हाल में पूरी करवाएंगे। ज्याणी फाजिल्का को जिला बनवाने के बाद पहली बार यहां के सिटी गार्डन पैलेस में पत्रकारों से मुखातिब हुए।

उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले फाजिल्का को जिला बनाने का दावा उन्होंने अपना राजनीतिक करियर दांव पर लगाकर पूरा कर दिया है। अब वह कांग्रेसी नेता भी फाजिल्का को जिला बनाने के संघर्ष में साथ देने की बात कह श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं, जिन्होंने मरणव्रत पर बैठे होने के दौरान उनका हाल तक नहीं पूछा। मरणव्रत स्थल पर आए और नंबर बनाकर चलते बने। लेकिन जनता सब जानती है कि जिले के लिए किसने क्या कुर्बानी दी। अब फाजिल्का में क्या कमी है, पूछने पर ज्याणी ने कहा कि जिला बनने से विकास की राह खुली है, लेकिन विकास फाजिल्का सेक्टर स्थित भारत-पाक सीमा की सादकी बार्डर व्यापार के लिए खुलने पर ही संभव है। क्योंकि यहां कोई बड़ी इंडस्ट्री नहीं है। इसलिए बार्डर का खुलना जरूरी है। इसके लिए उन्होंने अकाली सांसद शेर सिंह घुबाया से बात कर ली है कि वह संसद के शुरू होने वाले सत्र में इस मुद्दे को उठाएं। इसके अलावा वह खुद भी फाजिल्का से एक शिष्टमंडल को लेकर केंद्रीय नेताओं से मिलेंगे व उनसे पाकिस्तान सरकार के साथ पत्र व्यवहार शुरू करने की मांग करेंगे। उन्होंने फाजिल्का में उच्च शिक्षा के लिए नए डिग्री कालेज जिनमें लड़कियों का कालेज खोलने, यहां से चंडीगढ़ वाया पटियाला बस चलवाने का आश्वासन दिया। इस समय नगर परिषद अध्यक्ष अनिल सेठी, मार्केट कमेटी चेयरमैन अशोक जैरथ, गुरविंदर टिक्का, नवीन कवातड़ा व बलजीत सहोता भी मौजूद थे।


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Plans for digital library remain a distant dream in Fazilka

 Praful C. Nagpal
Fazilka, August 7

The ambitious plan to convert the library of the MR Government College into a digital library, a premier educational institute since the pre-partition days, remains unfulfilled so far. The building of the digital library has not been completed due to paucity of funds even when a sum of Rs 36 lakh had already been spent on the new building of the library.

At present, the library is being run in an old portion of the college building. The library has a total of 22144 books on record but it has no librarian for the past seven years since the retirement of the last incumbent.

Rakesh Saha, a restorer and Junior Lecturer Assistant (JLA) Chuni Lal, working on temporary basis from PTA funds, are managing the library, which has a transaction of around 400 books per day during the academic session. The books are stocked in five-decade-old cupboards. Some of the books are tattered. Recently updated books are seldom added to the library.

With the development of the latest information and technology techniques, the necessity of converting the library into a digital one was felt a long time back.

The University Grant Commission (UGC) in 2009 sanctioned the funds amounting to Rs 36 lakh for the construction of a new double-storeyed block for the digital library. However, due to the escalation of the cost of the project, the building was left incomplete about a year back. As per the contractor Manoj Kumar, the work related to steel railing, plinth protection, boundary wall, aluminum main gate, some electronic equipment, submersible pump motor, water cooler with RO system is yet to be carried out reportedly due to paucity of funds.

Eminent socialite and educationist Raj Kishore Kalra has demanded that requisite funds should be sanctioned to make the project operational. Executive Engineer, PWD, Prem Kumar said at least Rs 10 lakh is required for the completion of library and installation of electronic gadgets.

Hence, the library has still not been handed over to the college authorities. For this reason, the building has virtually become a place of merry making for some anti-social elements.

Tribhuvan Ram, officiating principal of the MR Government College, said the college officials want the library building to be completed soon and its control be assigned to them to ensure its proper functioning and maintenance.

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अबोहर-फाजिल्का के बीच कब चलेगी रेलगाड़ी

 रेलवे की तरफ से फाजिल्का-अबोहर रेल लाइन परियोजना लगभग पूरी हो चुकी है, लेकिन इसमें ओर देरी होने की संभावना बढ़ गई है, क्योंकि परियोजना के लिए बनाई गई रेल लाइन की अभी तक चैकिंग नहीं हुई और न ही इस पर रेल की स्पीड चैक हुई है। खास बात यह है इसके लिए अभी तक विभाग के लखनऊ स्थित सेफ्टी कमिश्नर ने अभी तक इसकी कोई तिथि घोषित नहीं की गई है, जबकि फिरोजपुर डिविजन की ओर से इस बारे में काफी समय पहले लिखा जा चुका है। इसकी पुष्टि सहायक डीआरएम सुधीर कुमार सिंह ने नार्दर्न रेलवे पैसेंजर्स समिति के पदाधिकारियों से की है। गौर हो कि इसका शिलान्यास एक फरवरी 2004 को तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने किया था।
ऊंचे होंगे प्लेटफार्म : समिति के अध्यक्ष डॉक्टर अमर लाल बाघला, महासचिव एडवोकेट बाबू राम, सचिव पूर्ण सिंह सेठी, उपाध्यक्ष राज पाल गुंबर और राजेश कुमार ने बताया कि उन्हें अधिकारियों ने विश्वास दिलाया है कि फाजिल्का से कोटकपूरा तक के सभी रेलवे स्टेशनों के प्लेटफार्मों को जल्दी ऊंचा करवाया जा रहा है। इसके अलावा फाजिल्का स्टेशन पर 1990 में उखाड़ी गई वाशिंग लाइन को फिर से स्थापित करने, फाजिल्का, जलालाबाद, मुक्तसर, कोटकपूरा स्टेशनों पर फुट ओवरब्रिज बनाने आदि की मांग की गई।अबोहरवासी भी चाहते हैं : जल्द चले टे्रन
अबोहर & रेलवे पैसेंजर वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव हनुमान दास गोयल ने रेलवे उच्चाधिकारियों को एक पत्र भेजकर अधर में लटके अबोहर-फाजिल्का रेल निर्माण का कार्य पूरा करके लाइन को शुरू करने की मांग की है। उच्चाधिकारियों को भेजे पत्र में गोयल ने लिखा है कि मंडल रेल प्रबंधक फिरोजपुर ने लगभग एक माह पहले कमिश्नर रेलवे से सेफ्टी को ऊपर लिखित लाइन को टैस्ट करके लागू किए जाने में पत्र लिखा था, लेकिन लखनऊ स्थित रेलवे सेफ्टी विभाग मुख्यालय से अभी तक रेलवे लाइन टैस्ट करने के बारे में कोई पत्र नहीं आया। गोयल ने बताया कि रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को लगभग एक महीने इस लाइन को आरंभ करने के लिए लगातार पत्र भेजे गए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि इस रेलवे लाइन देशहित में सुरक्षा का काम करेगी, इसलिए इस लाइन को जल्द आरंभ किया जाएगा।ट्रायल खत्म, फिरोजपुर-हैदराबाद ट्रेन बंद
फिरोजपुर & रेलवे द्वारा तीन माह के ट्रायल के तौर पर चलाई गई फिरोजपुर-हैदराबाद ट्रेन को बंद कर दिया है। वीरवार को ट्रेन का ट्रायल पीरियड खत्म हुआ और ट्रायल के अंतिम दिन ट्रेन यहां से रवाना हुई। रेल विभाग सूत्रों अनुसार इस ट्रेन को चलाने से जहां रेलवे को लाभ नहीं पहुंचा, वहीं यात्रियों में भी इस ट्रेन के प्रति क्रेज नहीं देखने को मिला। विभाग की योजना थी कि अगर ट्रेन विभाग एवं यात्रियों के लिए लाभकारी सिद्ध हुई तो इसके ट्रॉयल को एक्सटेंड कर दिया जाएगा, लेकिन तीन माह के दौरान ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।


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पुडा को कारण बताओ नोटिस-Badha Lake Wetland

 अमृत सचदेवा, फाजिल्का

उपमंडल के गांव बाधा के निकट स्थित बाधा झील के किनारे खाली जगह पर पुडा द्वारा कालोनी काटने का पर्यावरण प्रेमियों का विरोध रंग ले आया है। हाईकोट ने इस संबंध में नागरिकों की याचिका को स्वीकार करते हुए पुडा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

गौर हो कि वेटलैंड बाधा झील के किनारे पुडा द्वारा करीब आठ एकड़ जमीन में कालोनी काटे जाने की न केवल घोषणा की गई है, बल्कि कालोनी में काटे जाने वाले प्लाटों का नक्शा समेत उसकी कीमत भी जारी कर दी है। आगामी कुछ दिनों में उस जगह की बोली भी शुरू होने वाली थी। लेकिन फाजिल्का के पर्यावरण प्रेमियों ने बाधा झील का अस्तित्व समाप्त होने की आशंका के मद्देनजर पहले तो पुडा के अधिकारियों से बातचीत का प्रयास किया। लेकिन बात न बनने पर झील को बचाने के लिए संघर्ष कर रही संस्था वेलफेयर एसोसिएशन फाजिल्का के सचिव इंजीनियर नवदीप असीजा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने पुडा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अदालत ने सुनवाई के लिए 25 अगस्त की तिथि मुकर्रर की है। याचिका स्वीकार किए जाने पर पर्यावरण प्रेमियों में खुशी की लहर है जबकि झील किनारे प्लाट खरीदने का सपना संजोए बैठे लोगों को निराशा छाई है।


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