Saturday 3 September 2011

ट्यूबों की कश्ती ही 40 गांवों का सहारा

सतलुज दरिया के जलस्तर में दो-तीन से गिरावट दर्ज की जा रही है, लेकिन पाकिस्तान का बूढ़ा दरिया अभी भी तबाही का कारण बना हुआ है। इसी बाढ़ के चलते लाधुका डे्रन का पुल टूटने के बाद 40 गांवों के लिए ट्यूबों की कश्ती ही सहारा है। क्षेत्र की समाजसेवी संस्थाएं, राजनेता और धार्मिक संगठन बाढ़ पीडि़त लोगों को राहत पहुंचाने में लगे हैं। शुक्रवार को डीसी, एडीसी और दूसरे विभागों के अधिकारियों ने भी प्रभावित लोगों की समस्याएं जानी।
बाढग़्रस्त गांवों गांव तेजा रूहेला, गुलाबा भैणी, झंगड़ भैणी, महातम नगर, गट्टी नंबर एक दौरे के अलावा डीसी डॉक्टर बसंत गर्ग ने राहत शिविरों का निरीक्षण भी किया और खाद्य पदार्थों, मेडिकल सुविधाएं व पशुओं के तूड़ी व हरे चारे की जानकारी ली। इसके अलावा बीएसएफ की बीपीओ जीजी वन पर 51 बटालियन के इंस्पेक्टर हवा सिंह से बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली। डीसी ने बताया कि प्रभावित फसलों की गिरदावरी के बाद मुआवजा दिया जाएगा। इस मौके पर एडीसी चरन देव सिंह मान, सीतो गुन्नो के नायब तहसीलदार जगमेल सिंह, एसडीओ मंडीकरण बोर्ड गुरमीत सिंह, तेजा रूहेला में पंच बलविंद्र सिंह, शैल सिंह, जगतार सिंह, रेशम सिंह, देस सिंह, जोगिंद्र सिंह आदि मौजूद थे।

 

 

 
 
 

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