शहर के मुख्य बाजारों और चौराहों पर तो ट्रैफिक समस्या है ही, लेकिन शहरी रेलवे फाटक पर भी दिनभर लोगों को समस्या से दो चार होना पड़ता है। यहां फिरोजपुर और श्री मुक्तसर साहिब से 6 बार ट्रेन की आवाजाही होती है, जिसके चलते यह फाटक दिन में 12 बार बंद होता है। हर बार फाटक 10 से 15 मिनट के लिए बंद होता है, जिस कारण फाटक के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं। इससे बस स्टैंड रोड और घंटा घर की ओर आने जाने वाले वाहन भी फंस जाते हैं।
दो हिस्सों में बंटा शहर : फाटक के कारण शहर दो हिस्सों में बंटा हुआ है। एक ओर शहर का अधिकांश हिस्सा है तो दूसरी ओर मोहल्ला झूले लाल कॉलोनी, बिजली घर, नई अबादी के अलावा यह रोड बार्डर पर स्थित गांवों को जोड़ता है। खास तौर पर इस ओर सरकारी सीनियर सैकंडरी स्कूल, डीसी मॉडल स्कूल के अलावा अन्य स्कूल हैं। मुश्किल सुबह 9 बजे और दोपहर तीन बजे होती है। यह समय ट्रेन के आने जाने का होता है और इसी दौरान ही स्कूलों के खुलने व छुट्टी होने का समय होता है, जिस कारण विद्यार्थियों की भी कतारें लग जाती हैं। (लछमण)
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दो हिस्सों में बंटा शहर : फाटक के कारण शहर दो हिस्सों में बंटा हुआ है। एक ओर शहर का अधिकांश हिस्सा है तो दूसरी ओर मोहल्ला झूले लाल कॉलोनी, बिजली घर, नई अबादी के अलावा यह रोड बार्डर पर स्थित गांवों को जोड़ता है। खास तौर पर इस ओर सरकारी सीनियर सैकंडरी स्कूल, डीसी मॉडल स्कूल के अलावा अन्य स्कूल हैं। मुश्किल सुबह 9 बजे और दोपहर तीन बजे होती है। यह समय ट्रेन के आने जाने का होता है और इसी दौरान ही स्कूलों के खुलने व छुट्टी होने का समय होता है, जिस कारण विद्यार्थियों की भी कतारें लग जाती हैं। (लछमण)
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