फाजिल्का&सोशल वेलफेयर सोसायटी ने शहरी क्षेत्र में पानी बचाने के प्रति गंभीर व सार्थक प्रयास करने के बाद अब ग्रामीण क्षेत्र में भी पानी बचाने के प्रति जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है। इस क्रम में गांव आवा में अध्यक्ष राज किशोर कालड़ा व प्रकल्प चेयरमैन एडवोकेट संजीव बांसल मार्शल की अध्यक्षता में प्रभातफेरी निकाली गई। सोसायटी सदस्यों ने विभिन्न गांवों की गलियों में घूम कर ग्रामीणों को पानी बचाने का संदेश दिया। पार्षद डा. रमेश वर्मा ने कहा कि इलाके की अन्य संस्थाओं को भी इस प्रोजेक्ट के साथ जुडऩा चाहिए। एडवोकेट मार्शल ने कहा कि सोसायटी द्वारा अब उपमंडल के सभी गांवों में प्रभातफेरियां निकाल पानी बचाने के प्रति जागरूकता पैदा की जाएगी। अजय ठकराल ने कहा कि इंसान प्रकृति से छेड़छाड़ करना छोड़, पानी को बचाने का प्रयास करे। संदीप अनेजा व काली ठकराल ने कहा कि अगर धरती पर पानी न रहा तो मानव का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। रिटायर्ड एसडीओ सर्बजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि भूजल स्तर नीचे गिरने के लिए इंसान जिम्मेवार है। रिटायर्ड एसडीओ बाबू लाल अरोड़ा ने ग्रामीणों को नशे से दूर रहने, पानी बचाने व कन्या भू्रण हत्या के प्रति जागरूक किया। डा. सुभाष मदान ने कहा कि पानी अमूल्य है और इसका सबको महत्व जानना चाहिए। राकेश गिल्होत्रा ने कहा कि स्कूल प्रबंधन भी अपने स्तर पर विद्यार्थियों को पानी बचाने के प्रति जागरूक करे। अगली प्रभातफेरी आवा कॉलोनी में निकाली जाएगी। (लछमण)
Monday, 19 September 2011
गांवों में फिर घुसा सतलुज का पानी, सेना तैनात
फाजिल्का त्न भारत पाक सरहद के निकट स्थित सतलुज दरिया का जलस्तर एक बार फिर बढ़ गया है। जिस कारण गांव रेतेवाली ढाणी की ढाणी सदा सिंह के ग्रामीण फिर पानी में घिर गए। उधर दरिया के डिफेंस बांधों की मजबूती के लिए सेना के जवानों ने शनिवार को आरडी-27 व दोना सिकंदरी बांध को मजबूत करने का कार्य किया, मगर पानी के तेज बहाव के कारण जवानों को बांधों की मजबूती में काफी दिक्कतें पेश आ रही हैं। याद रहे दोना सिकंदरी बांध 29 अगस्त व आरडी-17 बांध 1 सितंबर को टूट गया था। दरिया पर डिफेंस की निगरानी के लिए भी सेना तैनात कर दी गई है। शुक्रवार को दरिया के एक मात्र पुल कावांवाली पत्तन के साथ पानी टकरा गया है। एडीसी चरन देव सिंह मान ने बताया कि हरिके हैड से 36500 क्यूसिक पानी छोड़ा गया है। लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है।
फाजिल्का में 78 मकान गिरे : शुक्रवार तक जारी बारिश के पानी से शनिवार को सरहदी गांवों व फाजिल्का के निकट कुछ गांवों में 78 मकान गिरे हैं। भारत के अंतिम छोर पर बसे गांव गुलाबा भैणी में 23 मकान गिरे हैं। रूलिया सिंह, बलबीर सिंह, चन्नण सिंह, महेंद्र सिंह, जोगिंद्र सिंह, हरदित्त सिंह, धर्म सिंह, मंगत सिंह ने बताया कि वह मजदूरी कर अपना पेट पालते हैं, लेकिन शुक्रवार व शनिवार को मकान गिरने से वह खुले आसमान तले आ गए हैं। गांव रेतेवाली भैणी में 6, झंगड़ भैणी में 9, दोना नानका में 5, तेजा रूहेला में 7, रेते वाली भैणी में 5, खरास वाली ढाणी में 13 और जोड़की कंकर वाली में 8 मकान गिरे हैं। गांव सजराना में खूईखेड़ा ड्रेन के ओवरफ्लो हो गई है। इससे करीब 1000 एकड़ फसल डूब गई।(लछमण)बारिश से दुकान की छत गिरी, नगर परिषद अध्यक्ष ने लिया जायजा
अबोहर त्न नगर परिषद के मुख्य द्वार के बाहर स्थित एक सब्जी एवं फ्रूट की दुकान की छत शनिवार सुबह अचानक धराशायी हो गई। दुकान में बैठा संचालक मलबे की चपेट में आने से घायल हो गया। पता चलने पर नगर परिषद अध्यक्ष शिवराज गोयल ने स्थिति का जायजा लिया। घायल फतेह चंद ने बताया कि वह शनिवार सुबह दुकान पर बैठा हुआ था कि अचानक दुकान की छत गिर पड़ी और वह मलबे की चपेट में आकर घायल हो गया। आसपास के लोगों ने निजी अस्पताल में उसका प्राथमिक उपचार करवाया। शिवराज गोयल द्वारा घायल का हालचाल पूछा गया और दुकान संचालक को एक बार किसी अन्य स्थान पर अपना सामान रखने के लिए कहा। उनके साथ टीटू छाबड़ा भी मौजूद थे। बारिश से कमरा गिरा
जलालाबाद त्न गांव फलियांवाला में एक गरीब परिवार मक्खन सिंह का कच्चा कमरा बारिश के कारण गिर गया। जिससे वह अब खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है। पीडि़त मक्खन सिंह पुत्र हाकम सिंह ने बताया कि शुक्रवार को हुई बारिश से एक कमरा जिसमें वह रहते थे शनिवार सुबह गिर गया है मगर वह बाल बाल बच गए। पीडि़त परिवार ने सरकार से मांग की कि इंदिरा आवास योजना के तहत एक पक्का मकान बनवा कर दिया जाए। (राजीव) छत गिरी, युवक गंभीर रूप से घायल
अबोहर त्न बारिश के कारण शनिवार देर शाम अजीमगढ़ में एक कमरे की छत गिरने से मलबे के नीच दबने से एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल कमलदीप के परिजनों ने बताया कि वह अपने घर के कमरे में बैठा था। अचानक कमरे की छत नीचे आ गिरी, जिससे वह मलबे के नीचे दब गया। शोर मचाने पर आसपास के लोग एकत्रित हो गए। उन्होंने उसे बाहर निकाला और अस्पताल भर्ती कराया। हादसे में उसकी दोनों टांगों पर काफी चोटें आई हैं, जबकि सामान तहस-नहस हो गया। (राजिंदर)
फाजिल्का में 78 मकान गिरे : शुक्रवार तक जारी बारिश के पानी से शनिवार को सरहदी गांवों व फाजिल्का के निकट कुछ गांवों में 78 मकान गिरे हैं। भारत के अंतिम छोर पर बसे गांव गुलाबा भैणी में 23 मकान गिरे हैं। रूलिया सिंह, बलबीर सिंह, चन्नण सिंह, महेंद्र सिंह, जोगिंद्र सिंह, हरदित्त सिंह, धर्म सिंह, मंगत सिंह ने बताया कि वह मजदूरी कर अपना पेट पालते हैं, लेकिन शुक्रवार व शनिवार को मकान गिरने से वह खुले आसमान तले आ गए हैं। गांव रेतेवाली भैणी में 6, झंगड़ भैणी में 9, दोना नानका में 5, तेजा रूहेला में 7, रेते वाली भैणी में 5, खरास वाली ढाणी में 13 और जोड़की कंकर वाली में 8 मकान गिरे हैं। गांव सजराना में खूईखेड़ा ड्रेन के ओवरफ्लो हो गई है। इससे करीब 1000 एकड़ फसल डूब गई।(लछमण)बारिश से दुकान की छत गिरी, नगर परिषद अध्यक्ष ने लिया जायजा
अबोहर त्न नगर परिषद के मुख्य द्वार के बाहर स्थित एक सब्जी एवं फ्रूट की दुकान की छत शनिवार सुबह अचानक धराशायी हो गई। दुकान में बैठा संचालक मलबे की चपेट में आने से घायल हो गया। पता चलने पर नगर परिषद अध्यक्ष शिवराज गोयल ने स्थिति का जायजा लिया। घायल फतेह चंद ने बताया कि वह शनिवार सुबह दुकान पर बैठा हुआ था कि अचानक दुकान की छत गिर पड़ी और वह मलबे की चपेट में आकर घायल हो गया। आसपास के लोगों ने निजी अस्पताल में उसका प्राथमिक उपचार करवाया। शिवराज गोयल द्वारा घायल का हालचाल पूछा गया और दुकान संचालक को एक बार किसी अन्य स्थान पर अपना सामान रखने के लिए कहा। उनके साथ टीटू छाबड़ा भी मौजूद थे। बारिश से कमरा गिरा
जलालाबाद त्न गांव फलियांवाला में एक गरीब परिवार मक्खन सिंह का कच्चा कमरा बारिश के कारण गिर गया। जिससे वह अब खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है। पीडि़त मक्खन सिंह पुत्र हाकम सिंह ने बताया कि शुक्रवार को हुई बारिश से एक कमरा जिसमें वह रहते थे शनिवार सुबह गिर गया है मगर वह बाल बाल बच गए। पीडि़त परिवार ने सरकार से मांग की कि इंदिरा आवास योजना के तहत एक पक्का मकान बनवा कर दिया जाए। (राजीव) छत गिरी, युवक गंभीर रूप से घायल
अबोहर त्न बारिश के कारण शनिवार देर शाम अजीमगढ़ में एक कमरे की छत गिरने से मलबे के नीच दबने से एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल कमलदीप के परिजनों ने बताया कि वह अपने घर के कमरे में बैठा था। अचानक कमरे की छत नीचे आ गिरी, जिससे वह मलबे के नीचे दब गया। शोर मचाने पर आसपास के लोग एकत्रित हो गए। उन्होंने उसे बाहर निकाला और अस्पताल भर्ती कराया। हादसे में उसकी दोनों टांगों पर काफी चोटें आई हैं, जबकि सामान तहस-नहस हो गया। (राजिंदर)
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