सरकारी मुंशी राम कालेज के प्रबंधकों की लापरवाही के चलते पंजाब यूनिवर्सिटी ने कंप्यूटर साइंस विषय की मान्यता रद्द कर दी है। जिससे पिछले दो साल से शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थिर्यो का भविष्य खतरे में है। वहीं कालेज प्रबंधन इस मामले में उलझ गया है।
कॉलेज प्रबंधन पर संदेह
कोई भी प्रोफेसर इस मामले पर खुलकर बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन इसका ठीकरा एक दूसरे पर जरूर फोड़ा जा रहा है। कालेज के पास दो साल के लिए मान्यता थी, लेकिन इस साल कालेज की लापरवाही के कारण यूनिवर्सिटी ने कालेज को 25 हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया। जुर्माना अदा न करने पर बीए फाइनल के कंप्यूटर साइंस की मान्यता रद्द की गई है।
कालेज ने दाखिला की अंतिम तिथि पहले 16 जुलाई दी थी, इसके बाद यह तिथि बढ़ाकर 23 जुलाई की गई है। निर्धारित तिथि के बाद भी कालेज प्रबंधक अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। पता चला है कि कालेज प्रबंधकों द्वारा बच्चों से फीस तो ले ली, लेकिन यूनिवर्सिटी को लेट भेजी गई।
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कॉलेज प्रबंधन पर संदेह
कोई भी प्रोफेसर इस मामले पर खुलकर बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन इसका ठीकरा एक दूसरे पर जरूर फोड़ा जा रहा है। कालेज के पास दो साल के लिए मान्यता थी, लेकिन इस साल कालेज की लापरवाही के कारण यूनिवर्सिटी ने कालेज को 25 हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया। जुर्माना अदा न करने पर बीए फाइनल के कंप्यूटर साइंस की मान्यता रद्द की गई है।
कालेज ने दाखिला की अंतिम तिथि पहले 16 जुलाई दी थी, इसके बाद यह तिथि बढ़ाकर 23 जुलाई की गई है। निर्धारित तिथि के बाद भी कालेज प्रबंधक अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। पता चला है कि कालेज प्रबंधकों द्वारा बच्चों से फीस तो ले ली, लेकिन यूनिवर्सिटी को लेट भेजी गई।
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